05-May-2025
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वाराणसी (ईएमएस)। इस बार वैशाख माह की पूर्णिमा 12 मई को पड़ रही है। ऐसा माना जाता है कि तथागत गौतम बुद्ध का जन्म दिवस, महापरिनिर्वाण दिवस और ज्ञान प्राप्ति आज ही के दिन हुआ था। इसीलिए इस पर्व को त्रिविध पावनी पर्व कहा जाता है।वैशाख पूर्णिमा के अवसर पर उनके प्रथम उपदेश स्थली सारनाथ में इस वर्ष कई भव्य आयोजन किया जाएगा। इस बार के आयोजन में लगभग 1 लाख बौद्ध अनुआयियों को भोजन दान की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए सारनाथ को विशेष रूप से सजाया जा रहा है और रंगरोगन किया जा रहा है। इस अवसर पर प्रायः मूलबंध कुटी में तथागत बुद्ध का अस्थि दर्शन होता है, लेकिन इस बार उनकी अस्थियां सारनाथ वाराणसी से वियतनाम अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी में लगाने के लिए चली गई है, इसलिए इस बार बौद्ध अनुआयियों को थोड़ी निराशा होगी और उन्हें तथागत बुद्ध का अस्थि दर्शन नहीं हो पाएगा। सारनाथ में बुद्ध पूर्णिमा के प्रमुख आयोजक धम्मा लर्निंग सेंटर के पूराधिपति चँदिमा भंते थेरो नें बताया कि इस बार सुबह धम्मा लर्निंग सेंटर में विश्व शांति के लिए पूजा पाठ होगा। इसके पश्चात वाराणसी कचहरी से सारनाथ तक धम्म यात्रा निकाली जाएगी। इसके पश्चात धम्मेख स्तूप, मूलगंध कुटी परिसर को दीपक से सजाया जाएगा। इस कार्यक्रम में वियतनाम,कंबोडिया, श्रीलंका,थाईलैंड, इत्यादि देशों के अलावा कुशीनगर, श्रावस्ती, कौशांबी, कपिलवस्तु, आजमगढ़, मऊ, गाज़ीपुर, जौनपुर,फ़ैजाबाद तथा अम्बेडकर नगर के उपासक एवं उपसिकाओं के आने की संभावना है। चँदिमा भंते नें बताया कि भोजन दान का कार्यक्रम 12 मई को सुबह 9.00 बजे से प्रारम्भ होकर रात्रि 10.00 बजे या जबतक लोग आते रहेंगे तबतक चलेगा। नरसिंह राम / 5 मई, 2025