राज्य
08-May-2025


रांची(ईएमएस)।प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान के लिए 2023-24 से तीन साल के लिए कुल 24,104 करोड़ रुपए का बजटीय प्रावधान है।इस महाअभियान से संबंधित योजनाओं को पूरा करने के लिए सिर्फ चालू वित्तीय वर्ष(2025-26) का ही समय बचा हुआ है।इस बात के मद्देनजर मुख्य सचिव अलका तिवारी ने समीक्षा के दौरान इससे जुड़ी योजनाओं में तेजी लाने का निर्देश दिया।मुख्य सचिव ने धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान और प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान की राज्य स्तरीय समिति की बैठक की अध्यक्षता की। जनजाति परिवारों और जनजाति बहुल गांवों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करा कर सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के उद्देश्य से धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान की शुरूआत की गई है।इसके तहत 7139 गावों के 49.79 जनजातीय परिवारों को शामिल किया गया है। साथ ही उनके सामाजिक आर्थिक स्तर में सुधार के लिए योजनाओं को क्रियान्वित किया जा रहा है।मुख्य सचिव ने योजनाओं के लिए निर्धारित लक्ष्य और अब तक के उपलब्धि के बीच के अंतर को पाटने के लिए योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने का निर्देश दिया।प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान के लिए 24,104 करोड़ रुपए में केंद्र का 15,336 करोड़ रुपए और राज्य की हिस्सेदारी 8,768 करोड़ रुपए है।मुख्य सचिव ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, जल जीवन मिशन, मेडिकल मोबाइल यूनिट, विद्युत ग्रिड, आंगनबाड़ी केन्द्रों, वन धन विकास केन्द्र की प्रगति की समीक्षा के दौरान इसमें तेजी लाने का निर्देश दिया।बैठक में मस्तराम मीणा, प्रधान सचिव, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग कृपानंद झा, सचिव, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग मनोज कुमार, सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग विभाग ए सिद्दिकी, सचिव,कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग उमाशंकर सिंह, सचिव, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग जितेन्द्र सिंह, सचिव, श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग अबू इमरान, अभियान निदेशक सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। कर्मवीर सिंह/08मई/25