क्षेत्रीय
09-May-2025
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जगदलपुर(ईएमएस)। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार की निर्णायक रणनीति का परिणाम है कि बस्तर अब नक्सल भय से उबरने की ओर तेजी से बढ़ रहा है। तीन दशक तक नक्सल आतंक झेल चुके बस्तर में अब शांति की नई इबारत लिखी जा रही है। इसी कड़ी में वन मंत्री केदार कश्यप के निर्देश पर वन विभाग ने अपने लंबे समय से बंद पड़े कार्यालयों को पुनः चालू कर दिया है। जगरगुंडा, किस्टाराम, गोलापल्ली, गंगालुर, पामेड़ और सोनपुर जैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अब फिर से वन परिक्षेत्र और उप वनमंडल कार्यालय संचालित होने लगे हैं। यह सिर्फ सरकारी दफ्तरों की बहाली नहीं, बल्कि यह बस्तर के आदिवासी और वनवासी समाज के सशक्तिकरण और विकास की पुनः शुरुआत है। वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा, सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण आज बस्तर नक्सलवाद से मुक्त हो रहा है। वन विभाग के कार्यालयों की बहाली न सिर्फ प्रशासनिक उपस्थिति का प्रतीक है, बल्कि यह वन्यजीव संरक्षण, वनोपज प्रबंधन और स्थानीय रोजगार सृजन की दिशा में बड़ा कदम है। नक्सली हिंसा के चलते वर्षों पहले ये कार्यालय शहरी इलाकों में स्थानांतरित कर दिए गए थे, जिससे वनवासी समुदाय शासन की योजनाओं से वंचित हो गया था। उन्हें मामूली कार्यों के लिए भी 40-50 किलोमीटर दूर कार्यालयों तक जाना पड़ता था। लेकिन अब इन कार्यालयों के पुनः स्थापित होने से शासन की योजनाएं सीधे लोगों तक पहुंच रही हैं। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि वर्षों बाद उनके गांवों में सरकार की सक्रिय उपस्थिति महसूस हो रही है। लघु वनोपज, वानिकी कार्य, काष्ठ कूप संचालन और वन्य जीवों की सुरक्षा जैसे कार्य फिर से शुरू हो गए हैं, जिससे न सिर्फ पर्यावरणीय संतुलन बल्कि आर्थिक सशक्तिकरण भी सुनिश्चित हो रहा है। वन मंत्री कश्यप ने वन विभाग के समर्पित अधिकारियों और कर्मचारियों को इस उपलब्धि के लिए बधाई देते हुए कहा कि यह बस्तर के लिए नई सुबह का संकेत है। ईएमएस(संजय कुमार जैन)09 मई 2025