राज्य
09-May-2025
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गुना (ईएमएस)| जिले में शासकीय कार्यालयों और बैठकों में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की जगह उनके पति या परिजनों की उपस्थिति पर अब पूरी तरह रोक लगाई गई है। कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट किशोर कुमार कन्याल ने इस संबंध में एक सख्त निर्देश जारी किया है। इसमें स्पष्ट कहा गया है कि शासन के नियमानुसार केवल विधिवत निर्वाचित जनप्रतिनिधि ही शासकीय बैठकों और कार्यालयों में उपस्थित रह सकते हैं, उनके स्थान पर किसी अन्य की उपस्थिति न केवल अनुचित है, बल्कि यह नियमों का सीधा उल्लंघन भी है। यह निर्देश मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, परियोजना अधिकारी जिला शहरी विकास अभिकरण, सभी जनपद पंचायतों के सीईओ और नगर पालिका एवं नगर परिषदों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को जारी किया गया है। आदेश में यह भी उल्लेख है कि मीडिया और विभिन्न माध्यमों से बार-बार ऐसी जानकारी मिल रही है कि कई सरकारी बैठकों में चुनी गई महिला जनप्रतिनिधियों की जगह उनके पति उपस्थित रहते हैं और कई बार तो वे बैठक की पूरी कार्यवाही को भी संचालित करते हैं। यह चलन न केवल शासन के आदेशों का उल्लंघन है बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था की भी अवहेलना करता है। उल्लेखनीय है कि पूर्व में भी देखा गया है कि जिला पंचायत, जनपद पंचायत, नगरपालिका और नगर परिषदों से लेकर ग्राम पंचायतों की बैठकों तक में निर्वाचित महिला जनप्रतिनिधि स्वयं कम ही दिखाई देती हैं, उनकी जगह उनके पति या परिजन पहुंचते हैं और निर्णय प्रक्रिया में हस्तक्षेप करते हैं। यह स्थिति न केवल प्रशासनिक व्यवस्था के लिए चुनौतीपूर्ण है, बल्कि महिला सशक्तिकरण के मूल उद्देश्य के भी खिलाफ है। कलेक्टर ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे इस आदेश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराएं और भविष्य में यदि किसी बैठक या सरकारी कार्यक्रम में निर्वाचित प्रतिनिधि के स्थान पर कोई अन्य व्यक्ति उपस्थित पाया जाता है, तो संबंधित के खिलाफ नियम अनुसार कार्रवाई की जाए। यह आदेश जिले भर में एक उदाहरण स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। - सीताराम नाटानी (ईएमएस)