- 31 तक दस्तावेज और रिपोर्ट पेश करें नहीं तो होगी अवमानना की कार्रवाई जबलपुर (ईएमएस)। मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता में हुए फर्जीवाड़े के मामले में हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कड़ी नाराजगी जाहिर की। हाईकोर्ट की स्पेशल बेंच, जिसमें जस्टिस संजय द्विवेदी और जस्टिस अचल पालीवाल शामिल हैं, ने इंडियन नर्सिंग काउंसिल की सचिव और एमपी नर्सिंग काउंसिल के रजिस्ट्रार व चेयरमैन को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट की स्पेशल बेंच ने नाराजगी जताते हुए कहा कि तीन बार आदेश देने के बावजूद भी नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता से संबंधित दस्तावेज अब तक प्रस्तुत नहीं किए गए। अदालत ने इसे न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप माना और चेतावनी दी कि यदि 31 मई तक सभी दस्तावेज और रिपोर्ट पेश नहीं किए गए, तो अवमानना की कार्रवाई की जाएगी। यह मामला लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल द्वारा दाखिल जनहित याचिका से जुड़ा है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि मध्य प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों में मान्यता देने के नाम पर बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा हुआ है। याचिका में यह भी बताया गया कि हाईकोर्ट द्वारा गठित उच्च स्तरीय कमेटी ने बिना पारदर्शी प्रक्रिया अपनाए 30 अपात्र कॉलेजों के छात्रों को मनमाने तरीके से ट्रांसफर कर दिया। हाईकोर्ट ने कमेटी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि छात्रों को मनपसंद कॉलेज चुनने का अवसर दिए बिना ही ट्रांसफर आदेश जारी कर दिए गए। कोर्ट ने नोडल अधिकारी की भूमिका पर भी संदेह जताते हुए कहा कि उन्होंने पूरी सच्चाई अदालत के सामने नहीं रखी। स्पेशल बेंच ने स्पष्ट किया कि कमेटी का कार्य समाप्त हो चुका है और उसे 31 मई तक अपनी अंतिम रिपोर्ट हाईकोर्ट में सौंपनी होगी। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिए कि सभी अपात्र कॉलेजों के छात्रों का पारदर्शी तरीके से ट्रांसफर किया जाए और छात्रों को विकल्प चुनने का अधिकार दिया जाए। इस मामले में हाईकोर्ट का सख्त रुख नर्सिंग काउंसिल के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। कोर्ट ने चेतावनी दी है कि यदि आदेश का पालन नहीं किया गया, तो जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाएगी।