क्षेत्रीय
09-May-2025


*--- मामला सूचना के अधिकार में समय पर जानकारी नहीं देने का ---* राजनांदगांव (ईएमएस)। लव कुमार रामटेके सूचना के अधिकार के तहत 27 अगस्त 2024 को जन सूचना अधिकारी से जानकारी की मांग की थी समय सीमा में कोई भी जानकारी प्राप्त नहीं होने पर शिकायतकर्ता के द्वारा आयोग के समक्ष एक शिकायत पेश की गई. जन सूचना अधिकारी ने चाही गई जानकारी के संबंध में सहमति पत्र की मॉग की थी जबकि आवेदक ने आवेदन के साथ ही सहमति के साथ आवेदन किया था. इसके बावजूद भी जनसूचना अघिकारी ने अतिरिक्त सहमति की मॉग किये जाने पर अतिरिक्त सहमति भी दी हई फिर भी जनसूचना अधिकारी ने समय सीमा में जानकारी नहीं दी। जिसके बाद राज्य सूचना आयुक्त को शिकायत की गई. सूचना आयुक्त द्वारा लम्बे समय तक शिकायत पंजीयन नहीं किये व सुनवाई में विलम्ब होने के चलते आवेदक ने माननीय उच्च न्यायालय में रिट याचिका दाखिल की. जिसके बाद न्यायालय 4 माह में प्रकरण के निराकरण का आदेश 5 फरवरी 2025 राज्य सूचना आयोग को दिया. जिसके बाद राज्य सूचना आयोग ने सुनवाई में तेजी लायी और जनसूचना अधिकारी को सुनवाई का पूरा अवसर दिया, सुनवाई के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि जनसूचना अधिकारी ने जानकारी देने में विलम्ब की है, तत्कालिक जनसूचना अधिकारी ने बताया कि पूर्व जनसूचना के.के. शुक्ला ने समय पर जानकारी नहीं दी. किन्तु राज्य सूचना आयोग ने प्रकरण के तथ्यों व दस्तावेजों तथा आवेदक के तर्को के आधार पर पूर्व व वर्तमान जनसूचना अधिकारियों को दोषी मानते हुए अधिनियम की धारा 20(1) के तहत दोनों जनसूचना अधिकाकारियों पर पच्चीस-पच्चीस हजार रूपयें का अर्थ लगाया है. तथा अर्थ दण्ड का राशि शीघ्र जमा करने का आदेश 2 मई 2025 को दिया. श्री रामटेके ने बताया कि जनसूचना अधिकारियों पर विभागीय कार्यवाही के साथ ही मानसिक, शारीरिक व आर्थिक हानि के लिये वे पुन: उच्च न्यायालय में याचिका दायर करगें. ईएमएस/मोहने/ 05 मई 2025