नई दिल्ली (ईएमएस)। भारत ने आतंकी ठिकानों पर हमला कर पहलगाम हमले का जवाब दे दिया। लेकिन पाकिस्तान ने उकसाने वाली कार्रवाई मानकर सीमा और नागरिक इलाकों पर हमले शुरू कर दिए। भारतीय सेना इसका मुंहतोड़ जवाब दे रही है। कुल मिलाकर, युद्ध जैसी स्थिति बन चुकी। दोनों देशों में लड़ाई शुरू हो चुकी? अगर हां, तब कौन इसका आधिकारिक ऐलान करेगा? भले ही जंग अचानक शुरू होती दिखे, लेकिन ये भी किसी बीमारी की तरह धीरे-धीरे फैलती है। भारत और पाकिस्तान के मामले में पहलगाम हमले को पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकी हमला माना गया। इसके बाद भारत ने कूटनीतिक कदम के साथ-साथ इस्लामाबाद के साथ कुछ संधियां तोड़ दीं। इस बीच भारत ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर अटैक कर दिया। ये वैसे ऑपरेशन या लिमिटेड मिलिट्री एक्शन कहलाता है। खुली जंग में लड़ाई देश की सीमाओं तक सीमित न रहकर पूरे देश में कहीं भी हो सकती है। दुश्मन कहीं भी हमले कर सकता है। इस पायदान के बाद आखिरी चरण न्यूक्लियर युद्ध है। संविधान में वैसे जंग के ऐलान की कोई सीधी प्रक्रिया नहीं, हालांकि इसमें नेशनल इमरजेंसी की बात जरूर कही गई है। अगर घोषणा की बात आ ही जाए, तब राष्ट्रपति के पास इसका अधिकार है। संविधान का आर्टिकल 352, जिसमें राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा का नियम है, युद्ध जैसी स्थिति से निपटने का सबसे नजदीकी तरीका माना जाता है। दरअसल राष्ट्रपति सेना के सर्वोच्च कमांडर हैं, यानी ये अधिकार उनके पास है। लेकिन वे खुद फैसला नहीं ले सकते, उन्हें तत्कालीन सरकार की सलाह लेनी होती है। अगर कभी युद्ध या शांति की कोई औपचारिक घोषणा हो तब वहां पीएम और कैबिनेट की सलाह पर होती है। असल में युद्ध का फैसला प्रधानमंत्री की अगुवाई वाला केंद्रीय मंत्रीमंडल लेता है, जिसमें रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय शामिल हैं। जरूरत के मुताबिक, सेना प्रमुखों, खुफिया एजेंसियों और डिप्लोमेट्स की राय भी ली जा सकती है। संसद डिफेंस बजट को मंजूरी देती है, साथ ही सरकार से जवाब मांगती है। अगर सरकार को लगाता हैं कि हालात बिगड़ चुके और आधिकारिक तौर पर जंग का ऐलान होना चाहिए, तब सब मिल-बैठकर तय करते और राष्ट्रपति को एक लिखित सिफारिश भेजते हैं। इसके बाद प्रेसिडेंट आर्टिकल 352 के तहत नेशनल इमरजेंसी लगा सकते हैं। इमरजेंसी देश के चुनिंदा हिस्सों में भी लग सकती है। इमरजेंसी 6 महीनों तक लागू रहती है। जरूरत पड़ने पर ये और आगे बढ़ाई जाती है। - भारत और पाकिस्तान के बीच पहली जंग कश्मीर को लेकर हुई, जब पाक के कबीलाई लड़ाके और सैनिक घाटी में घुस आए। तब भारत ने कश्मीर की मदद की। लेकिन दोनों में से किसी देश ने अपने यहां लड़ाई का एलान नहीं किया, बस लड़ाई शुरू कर दी। इसके बाद भारत-चीन लड़ाई में भी ऐसा ही हुआ। चीन ने अचानक सीमा पर बड़ी सैन्य कार्रवाई शुरू कर दी। किसी ने कोई एलान नहीं किया। - साल 1965 का भारत-पाकिस्तान युद्ध हल्के तरीके से शुरू हुआ, लेकिन फिर बढ़ने लगा। इस बार भी किसी तरफ से युद्ध की कोई औपचारिक घोषणा नहीं थी। आशीष/ईएमएस 10 मई 2025