राज्य
10-May-2025
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- स्थानीय लोगों ने दोस्तों को बुलाकर खेतों में दिखाए चीते - श्योपुर के कूनो अभ्यारण से पांच चीतों का झुंड शिवपुरी के अलग-अलग क्षेत्र में घूम रहा है - शिवपुरी के किरौली गांव में तीन भेड़ों का किया शिकार शिवपुरी (ईएमएस)। शिवपुरी जिले से लगे श्योपुर के कूनो अभ्यारण से पांच चीतों का झुंड दो दिन से शिवपुरी जिले के अलग-अलग क्षेत्र में घूम रहा है। इस दौरान शिवपुरी के किरौली गांव में पूर्व विधायक स्व-जगदीश वर्मा के खेत पर इन चीतों का झुंड 24 घंटे से ज्यादा रूका रहा। स्वर्गीय पूर्व विधायक जगदीश वर्मा के बेटे प्रद्युम्न वर्मा उर्फ पप्पन ने बताया कि उनके खेतों में आए इन चीतों को देखने के लिए उन्होंने अपने मित्रों और रिश्तेदारों तक को बुला लिया और उन्हें अपने खेतों में ही इन चीतों के दर्शन करा दिए। भाजपा नेता प्रद्युम्न वर्मा ने बताया कि बीते 24 घंटे तक उनके किरौली स्थित फार्म हाउस पर यह चीतों का झुंड रहा। इस दौरान चीतों ने यहां से गुजर रही तीन भेड़ों को अपना शिकार बनाया और खाना खाया। प्रद्युम्न वर्मा ने बताया कि उनकी किरौली के खेत के नजदीकी पानी का तालाब है और यहां पर ही इन चीतों ने पानी पिया। दोस्तों और रिश्तेदारों को बुलाकर कराए चीतों के दीदार- प्रद्युम्न वर्मा ने बताया कि उनका किरौली गांव में फार्म हाउस है और यहां पर कूनो अभ्यारण से पांच चीतों का झुंड आ गया और 24 घंटे से अधिक समय तक उनके फार्म हाउस के आसपास के इलाके में यह झुंड देखा गया। प्रद्युम्न वर्मा ने बताया कि कूनो अभ्यारण में तो कई बार ऐसा होता है कि हम भ्रमण के लिए जाते हैं लेकिन चीतों का झुंड दिख नहीं पता लेकिन मैंने अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को अपने फार्म हाउस पर ही बुलाकर अपने खेतों में ही इन चीतों के झुंड के दर्शन कर दिए और इन चीतों के फोटो भी खींची। वन विभाग और पुलिस का अमला भी पहुंचा - स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि बीते दो दिन से कूनो अभ्यारण से पांच चीतों का झुंड शिवपुरी के अलग-अलग इलाकों में घूम रहा है। इस दौरान ग्रामीणों ने इस बात की सूचना पुलिस और वन विभाग के अधिकारियों को दी। वन विभाग और पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे और चीतों के झुंड की सुरक्षा और उसकी लोकेशन लेते हुए देखे गए। कूनो से लगा हुआ है शिवपुरी का जंगल- शिवपुरी का जंगल श्योपुर जिले के कूनो अभ्यारण्य से लगा हुआ है। खासकर शिवपुरी जिले के पोहरी का इलाका तो कूनो से ही सटा है। पोहरी के जंगल के रास्ते यह चीते दो दिन से शिवपुरी से लगभग 10 किमी दूर किरौली, रामखेड़ी व ठर्रा आदि गांवों तक पहुंच गए।