राज्य
10-May-2025


मंडी बोर्ड को लग रही लाखों की चपत, सचिव की कार्यप्रणाली खड़े कर रही कई सवाल छिंदवाड़ा जबलपुर (ईएमएस)। कुसमैली स्थित कृषि उपज मंडी में फैला भ्र्रष्टाचार किसी से छुपा नहीं है। मंड़ी प्रबंधन व्यापारियों के साथ मिलकर शासन प्रशासन को करोड़ों का चुना लग रहे है। लेकिन इस ओर ध्यान देने वाला कोई नहीं है। मंडी से जुड़े लोगों की माने तो करोड़ों का टैक्स शासन को देने वाली कृषि उपज मंडी कुसमेली का टैक्स कई गुना बढ़ जाए यदि मंडी प्रबंधन टैक्स चोरी पर अंकुश लगा दे। जितना टैक्स प्रबंधन को मंडी परिसर में बिकने वाले अनाज से मिल रहा है। अधिकारी उसी से संतुष्ट हो रहे है और अपनी पीठ थपथपा रहे है। लेकिन मंडी के बाहर होने वाली टैक्स चोरी पर प्रबंधन का कोई ध्यान नहीं है। कुछ व्यापारियों को लाभ पहुंचाने व पैसों की लालच के चलते प्रबंधन इस ओर ध्यान हीं नहीं देना चाहा रहा है। बताया जा रहा है कि इस टैक्स चोरी को रोकने के लिए मंडी में उड़नदस्ता दल बनाया गया था। जोकि वर्तमान में केवल शोभा की सुपारी बना हुआ है। दरअसल यह जांच दल सालों से जांच के लिए मंडी से बाहर निकला ही नहीं है। जिसके चलते मंडी क्षेत्र में लगातार अनाज का अवैध परिवहन किया जा रहा है। जिससे प्रतिवर्ष लाखों रुपए का नुकसान मंडी बोर्ड को हो रहा है। वर्षों से कागजों में कैद है उड़नदस्ता दल उड़नदस्ता वाहन कंडम स्थिति में परिसर में खड़ा हुआ है। कर्मचारियों के पास इस बात का बहाना हमेशा रहता है कि अगर मंडी के पास वाहन होता तो वह मंडी क्षेत्र में जांच करने निकलते। पिछले कई वर्षों से मंडी का वाहन जांच करने मंडी परिसर से बाहर नहीं निकला है। पूर्व में पदस्थ सचिव अपने निजी वाहन से जांच करने निकलते थे लेकिन वर्तमान में सचिव की कार्यशैली पर ही सवाल खड़े हो रहे है। संभागीय दल का भी समाप्त हुआ भय दो वर्ष पूर्व में जिले में संभागीय उड़नदस्ते की काफी हलचल रहती थी जिसके कारण अवैध परिवहन पर कुछ अंकुश जरुर लगा हुआ था। लेकिन जबलपुर मंडी कार्यालय से संचालित संभागीय उड़नदस्ता भी काफी लंबे समय से जिले की मंडी क्षेत्रों में जांच करने नहीं आया है। यह उड़नदस्ता जिले की सीमा पर बनाए गए अंतर्राज्यीय जांच बेरियरों पर भी पहुंचकर जांच करता था लेकिन वह भी अब ठंडे बस्ते में चला गया है। पूर्व में संभागीय उड़नदस्ते की मॉनीटरिंग करने जबलपुर मंडी बोर्ड कार्यालय के डीएस भी आते थे लेकिन अब अधिकारी भी लंबे समय से नदारद है। गायब हो गई जांच बेरियर जिले में अवैध परिवहन को रोकने के लिए जांच बेरियर बनाए गए थे। लेकिन अब वह भी पूरी तरह से गायब हो गए है। मंडी से निकलने वाले ट्रकों की जांच करने वाला भी कोई नहीं है। पिछले वर्ष सिल्लेवानी घाट के पास एक ट्रक पलटने के बाद बिना टैक्स के माल दूसरे राज्य जाने की बात सामने आई थी। लेकिन प्रबंधन ने वह बात भी दबा दी गई थी। इसके बाद भी बेरियर प्रारम्भ करने की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। शासन को नहीं व्यापारियों को लाभ पहुंचाना उद्देश्य रमंडी प्रबंधन की इस कार्यप्रणाली को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि मंडी प्रबंधन का मुख्य उद्देश्य शासन व किसानों को लाभ पहुंचाना नहीं बल्कि व्यापारियों के हितोंं में सोचना है। चंद पैसों की लालच में मंडी में सारे नियमों को दर किनारे कर काम किया जा रहा है। लेकिन जिला प्रशासन के अधिकारी भी मंडी प्रबंधन की इस मनमानी को अनदेखा कर रहे है। ईएमएस / 10 मई 2025