खूंटी(ईएमएस)। सरकार द्वारा गांवों को जोड़ने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर सड़कें बनाई जा रही हैं, लेकिन विभागीय लापरवाही या असंवेदनशीलता के कारण इनका लाभ आम लोगों तक नहीं पहुंच पा रहा है। रनिया प्रखंड के बनई पंचायत में इसका ताजा उदाहरण सामने आया है। यहां हाल ही में करोड़ों की लागत से ईटम से रंगरोड़ी भाया डूमरटोली, डोयंगेर तक पथ का निर्माण कराया गया, लेकिन बीच रास्ते में एक बड़े नाले पर पुल नहीं बनने से पूरी सड़क बेकार साबित हो रही है। नाले में पुल नहीं, 5 किमी अतिरिक्त दूरी तय करते हैं लोगः स्थानीय लोगों ने बताया कि सड़क बनने पर क्षेत्र के लोग काफी खुश थे, लेकिन नाले पर पुल नहीं बनने से सड़क की उपयोगिता बहुत कम हो गई है।बरसात के समय नाले में पानी का बहाव तेज हो जाता है, जिससे लोगों का आना-जाना लगभग बंद हो जाता है। मजबूरन उन्हें 5 से 7 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती है। इससे न सिर्फ समय की बर्बादी होती है, बल्कि आर्थिक और शारीरिक कष्ट भी बढ़ता है। स्कूली बच्चों की जान जोखिम में, अभिभावकों में भय का माहौलः डोयंगेर, रंगरोड़ी और डूमरटोली के बच्चों को बनई और पिडुल हाई स्कूल जाने के लिए इसी रास्ते से गुजरना होता है। बरसात में बच्चे जान जोखिम में डालकर नाला पार करते हैं, जिससे अभिभावकों में हमेशा जान-माल की चिंता बनी रहती है। ग्रामीणों ने की जल्द पुल निर्माण की मांगः ग्रामीणों ने सरकार और संबंधित विभाग से मांग की है कि इस पथ पर अविलंब पुल का निर्माण कराया जाए। पुल बनने से रंगरोड़ी, डूमरटोली, डोयंगेर, मनाहतु, लोहागड़ा, डिगरी, गरई, कोटांगेर, मेरोमबीर सहित दर्जनों गांवों के लोगों को तपकरा, तोरपा, मुरहू और खूंटी जाने में बड़ी सहूलियत होगी। साथ ही स्कूली बच्चों की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो सकेगी। कर्मवीर सिंह/11मई/25