गुना (ईएमएस)| वैशाख पूर्णिमा के पावन अवसर पर जिलेभर में भगवान गौतम बुद्ध की जयंती विविध आयोजनों के साथ श्रद्धा और उत्साहपूर्वक मनाई गई। सम्राट अशोक बुद्ध विहार, खेजरा रोड पर भगवान बुद्ध की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पूजा-अर्चना की गई, जिसमें नगर के अनेक श्रद्धालुओं और अनुयायियों ने भाग लिया। इस दौरान मंदिर परिसर में प्रसाद वितरण भी हुआ और श्रद्धालुओं ने बुद्ध के संदेशों को आत्मसात करने का संकल्प लिया। इस अवसर पर ओंकार बुद्ध विहार परिसर में चिंतन मंच और विराट हिंदू उत्सव समिति के संयुक्त तत्वाधान में एक बौद्धिक संगोष्ठी का आयोजन हुआ। मंच के संयोजक कैलाश मंथन ने कहा कि भारत युद्ध नहीं, बुद्ध का देश है। उन्होंने बुद्ध के करुणा, अहिंसा और मानवता आधारित संदेशों को आज के दौर में अत्यंत प्रासंगिक बताते हुए कहा कि दुखी प्राणियों की सेवा ही सच्चा मानव धर्म है। भगवान बुद्ध ने संसार को चार आर्य सत्य, अष्टांग मार्ग, और अहंभाव रहित जीवन जीने का मार्ग बताया जिससे निर्वाण की प्राप्ति संभव होती है। कैलाश मंथन ने यह भी बताया कि भगवान बुद्ध के अनुयायियों ने उनके उपदेशों को श्रीलंका, जापान, चीन, थाईलैंड जैसे देशों तक पहुंचाया, जिससे भारतीय धर्म, संस्कृति और कला का वैश्विक प्रचार हुआ। उन्होंने कहा कि आज के समय में बुद्ध की शिक्षाओं को आत्मसात करना ही देश की एकता और अखंडता का मूल है। इसी क्रम में कोली, कोरी समाज द्वारा बुद्ध जयंती की पूर्व संध्या पर बच्चों के लिए रंगोली एवं चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। यह प्रतियोगिता दो सत्रों में आयोजित की गई जिसमें कक्षा 1 से 12 तक के विद्यार्थियों ने भाग लेकर अपनी रचनात्मक प्रतिभा का प्रदर्शन किया। विजेताओं को अतिथियों द्वारा पुरस्कृत किया गया और सभी प्रतिभागियों को प्रोत्साहन स्वरूप सम्मानित किया गया। इस मौके पर चिंतन मंच, नारी शक्ति मंच और जनसंवेदना जैसे संगठनों के प्रतिनिधियों और समाजसेवियों ने भी भगवान बुद्ध को श्रद्धासुमन अर्पित कर उनके सिद्धांतों के प्रचार-प्रसार का संकल्प लिया। समूचा आयोजन बुद्ध के शांतिपूर्ण, सहिष्णु और करुणामय दृष्टिकोण को समाज में व्यापक रूप से प्रसारित करने की प्रेरणा बना।- सीताराम नाटानी (ईएमएस)