लेख
13-May-2025
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अमेरिका और चीन के बीच जारी व्यापार युद्ध ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को अस्थिर कर रखा था। अमेरिका और चीन के बीच 90 दिनों के लिए टैरिफ को लेकर दोनों देशों के बीच ट्रेड मे सीज फायर हो गया है। दोनों देशों के बीच यह समझौता राहत देने का फैसला है। जिसका सारी दुनिया स्वागत कर रही है। इस सीजफायर से दुनिया भर के शेयर बाजारों में सकारात्मक संकेत मिल गया है। निवेशकों में भी उम्मीद की एक किरण जागी है। वैश्विक आर्थिक मंदी के इस दौर में दोनों देशों के बीच जो समझौता हुआ है उससे दुनिया के देशों ने राहत की सांस ली है। अमेरिका की ओर से 145प्रतिशत से टेरिफ़ घटाकर 30फीसदी और चीन की ओर से 125फीसदी से घटाकर 10फीसदी टैरिफ करना इस बात का संकेत है। दोनों पक्ष समाधान की दिशा की ओर बढ़ने के लिए गंभीर हैं। इस समझौते के बाद अमेरिकी किसानों को राहत मिलेगी। चीनी उत्पादों की अमेरिका में पुनः निर्यात संभव हो सकेगा। अमेरिका के आम नागरिकों को भी महंगाई से राहत मिलेगी। यह व्यापार युद्ध केवल दो देशों तक सीमित नही था। दोनों देशों की इस लड़ाई का दुनिया के अधिकांश देशों की आर्थिक गति को प्रभावित कर रहा था। कच्चे तेल से लेकर स्टॉक बाजार तक इसका असर पड़ा था। ऐसे में यह सीजफायर दोनों देशों के साथ-साथ अन्य देशों के लिए भी एक अवसर है। इससे जो बदलाव होगा उससे दोनों देशों के बीच टिकाऊ समाधान का रास्ता भी निकाल सकता है। यह अस्थायी विराम है। दोनों देश यदि रचनात्मक वार्ता के माध्यम से आगे नहीं बढ़ेंगे, तो समस्या फिर से गहरा सकती है। आवश्यक है, अमेरिका और चीन व्यापारिक टकराव की बजाय सहयोग का रास्ता अपनाएं। जिससे वैश्विक आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित हो सके। चीन से कच्चा माल और पार्ट्स इत्यादि नहीं मिलने के कारण अमेरिका के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 6 फीसदी से अधिक की गिरावट आ चुकी है। अमेरिका में महंगाई बढ़ती जा रही है। लोगों को जरूरी सामान नहीं मिल रहा है। ट्रंप की लोकप्रियता अमेरिका और यूरोप के देशों में तेजी के साथ घटी है। वहीं दूसरी तरफ चीन में बेरोजगारी बढ़ती चली जा रही है। चीन का उत्पादन टैरिफ वार के चलते काफी कम हो गया है। जिसके कारण चीन की अर्थव्यवस्था मे गिरावट बनी हुई है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा जो टेरिफ़ वार शुरू किया गया था। इसका असर यूरोप सहित दुनिया के कई देशों में पड़ा है। अमेरिका के रूख में बदलाव आने के बाद यह आशा की जा सकती है, आर्थिक मंदी के इस दौर में चीन और अमेरिका के बीच में टैरिफ को लेकर जो समझौता हुआ है, उसके बेहतर परिणाम सामने आएंगे। दुनिया के सभी देशों को आर्थिक मंदी और वैश्विक अर्थव्यवस्था को संभालने का अवसर मिलेगा। अमेरिका और चीन के बीच में जो समझौता हुआ है। इसका फायदा करोड़ों लोगों को मिलेगा। इसलिए यह फैसला स्वागत योग्य है। ईएमएस / 13 मई 25