मुंबई(ईएमएस)। महाराष्ट्र में बीएमसी चुनाव को ध्यान में रखते हुए अलग-अलग दिशाओं में चलने वाले नेता और राजनैतिक दल एक साथ आने की जद्दो-जहद करते दिखाई दे रहे हैं। हालांकि सफल कितने होंगे फिलहाल कहना मुश्किल है।उद्धव की शिवसेना ने अपने चचेरे भाई और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे के साथ गठबंधन की संभावनाओं को फिर से हवा दी है। दूसरी ओर, उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने भी मनसे के साथ नजदीकी बढ़ाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। शिंदे सेना के वरिष्ठ नेता और मंत्री उदय सामंत ने राज ठाकरे से उनके मुंबई स्थित निवास पर मुलाकात की। इससे बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) और अन्य नागरिक निकाय चुनावों से पहले सियासी समीकरण और रोचक हो गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, यह पिछले साल नवंबर में हुए विधानसभा चुनावों के बाद उदय सामंत और राज ठाकरे के बीच चौथी मुलाकात थी। हालांकि सामंत ने इसे एक शिष्टाचार भेंट बताया और किसी भी राजनीतिक चर्चा से इनकार किया। उन्होंने कहा, मैं दादर इलाके में कुछ काम से गया था, तो सोचा राज साहेब से मिल लूं। हमने कुछ घटनाक्रमों पर चर्चा की, लेकिन इसमें कोई राजनीतिक बात नहीं हुई। अगर बीएमसी चुनावों को लेकर कोई बात होती, तो हम प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इसकी जानकारी देते। इन मुलाकातों ने शिवसेना (यूबीटी) और एमएनएस के संभावित गठबंधन की चर्चाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। वहीं, उद्धव गुट के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने इन घटनाक्रमों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनकी पार्टी ने राज ठाकरे के सुलह प्रस्ताव पर सकारात्मक रुख अपनाया है। राऊत ने कहा, “राज ठाकरे ने शुरुआत की थी, हमने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। आज भी हमारा रुख वैसा ही है। अब फैसला राज ठाकरे को लेना है। हम उन्हें सम्मान की दृष्टि से देखते हैं। यह मुलाकात ऐसे वक्त पर हुई है जब राज्य की राजनीति में कई संकेत मिल रहे हैं कि बीजेपी और शिंदे गुट की शिवसेना, राज ठाकरे की पार्टी एमएनएस को महायुति गठबंधन में शामिल करने की कवायद कर रहे हैं। बीते महीने खुद मुख्यमंत्री शिंदे भी राज ठाकरे से उनके निवास पर मिले थे। वहीं, हाल ही में राज ठाकरे ने डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस से भी मुलाकात की थी। राउत ने मंगलवार को कहा कि उद्धव ठाकरे ने राज ठाकरे के साथ मतभेदों को दरकिनार करने की इच्छा जताई है। राउत ने कहा, उद्धव जी ने संकेत दिया है कि वह मराठी मानूस और महाराष्ट्र के हित में एकजुट होने को तैयार हैं। अब गेंद राज ठाकरे के पाले में है। उद्धव ने पिछले महीने एक कार्यक्रम में कहा था कि वह मराठी भाषा और लोगों के लिए मतभेद भुलाने को तैयार हैं, लेकिन राज को उन ताकतों से दूरी बनानी होगी जो महाराष्ट्र के हितों के खिलाफ काम करती हैं। यह बयान स्पष्ट रूप से बीजेपी और शिंदे गुट की ओर इशारा था, जिन्होंने 2022 में शिवसेना को तोड़ा और पार्टी का नाम व चुनाव चिह्न हासिल किया। गलतफहमियों को भुलाने को तैयार बता दें कि 19 अप्रैल को राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे दोनों ने अपने सार्वजनिक बयानों में एक-दूसरे के प्रति नरम रुख दिखाया था। फिल्मकार महेश मांजरेकर के पॉडकास्ट में बोलते हुए राज ने कहा था कि वे महाराष्ट्र के हित में छोटी-मोटी गलतफहमियों को भुलाने को तैयार हैं। उसी दिन उद्धव ठाकरे ने एक ट्रेड यूनियन कार्यक्रम में कहा था कि वे भी मराठी भाषा और लोगों के हित में पुराने मतभेद भुलाने को तैयार हैं, लेकिन उन्होंने यह शर्त भी जोड़ी कि राज ठाकरे को भाजपा और शिंदे गुट से दूरी बनानी होगी। वीरेंद्र/ईएमएस/14मई 2025