भोपाल (ईएमएस)। एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के मार्गदर्शन में, संस्थान निरंतर चिकित्सा क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कर रहा है। हाल ही में, पीडियाट्रिक एंडोक्राइनोलॉजी (बाल अंतःस्रावी रोग विज्ञान) में डॉक्टरेट ऑफ मेडिसिन (डीएम) कोर्स की शुरुआत कर, एम्स भोपाल देश में इस सुपर-स्पेशियलिटी कोर्स को शुरू करने वाला तीसरा संस्थान बनने का गौरव प्राप्त किया है। इससे पहले केवल एम्स दिल्ली और पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ में यह पाठ्यक्रम उपलब्ध था। शुरू किया गया यह डीएम कार्यक्रम बच्चों में तेजी से बढ़ रहे हार्मोन संबंधी विकारों जैसे टाइप 1 डायबिटीज, वृद्धि संबंधी समस्याएं, थायरॉइड विकार, मोटापा, हड्डियों से जुड़ी बीमारियां और अन्य अंतःस्रावी रोगों के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों को तैयार करने पर केंद्रित है। यह पाठ्यक्रम बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। एम्स भोपाल में पीडियाट्रिक एंडोक्राइनोलॉजी यूनिट के प्रभारी प्रोफेसर डॉ. महेश महेश्वरी ने जानकारी दी कि इस कोर्स का उद्देश्य ऐसे विशेषज्ञ तैयार करना है जो बच्चों में हार्मोनल बीमारियों की जटिलताओं को समझ सकें और उनका समुचित इलाज कर सकें। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में विशेषज्ञ डॉक्टरों की भारी कमी है और यह कोर्स उस आवश्यकता की पूर्ति करेगा। प्रो. (डॉ.) शिखा मलिक (पीडियाट्रिक विभागाध्यक्ष) ने बताया कि एम्स भोपाल का पीडियाट्रिक विभाग पहले से ही बच्चों के एंडोक्राइन विकारों की विशेष देखभाल कर रहा है। विभाग में प्रत्येक मंगलवार को ‘पीडियाट्रिक एंडोक्राइनोलॉजी क्लिनिक’ और प्रत्येक शुक्रवार को ‘पीडियाट्रिक एवं अडोलेसेंट डायबिटीज क्लिनिक’ का आयोजन किया जाता है, जिससे कई बच्चों को लाभ मिल रहा है। इस अवसर पर प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने कहा, “पीडियाट्रिक एंडोक्राइनोलॉजी में डीएम कोर्स केवल एक शैक्षणिक उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ाने की दिशा में एक ठोस कदम है। हम इस कोर्स के माध्यम से मध्यप्रदेश सहित देश के अन्य हिस्सों में विशेषज्ञ सेवाओं की नींव रख रहे हैं। इसके साथ ही हम राज्य स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से जिला स्तर पर पीडियाट्रिक डायबिटीज क्लिनिक स्थापित करने हेतु तकनीकी सहयोग भी प्रदान कर रहे हैं।” ईएमएस/14/05/2025