221 अभिभावकों को 2 लाख 59 हजार रुपए स्कूलों ने लौटाए स्कूलों की जांच, अधिक ली गई राशि के वापसी की प्रक्रिया जारी पाठशाला स्कूल बालाघाट ने वापस की सबसे अधिक राशि बालाघाट (ईएमएस). जिले के अशासकीय स्कूलों में अन्य प्रशासकों की किताबें अधिक दाम पर खरीदने का मामला सामने आया था। इस मामले में कलेक्टर मृणाल मीना ने जांच के आदेश दिए थे। प्रशासनिक टीम ने निजी स्कूलों की जांच की। जांच के दौरान विद्यार्थियों से ली गई अधिक राशि को लौटाने के निर्देश संबंधित स्कूलों को दिए गए थे। जिसके आधार पर अभी तक 221 अभिभावकों को निजी स्कूलों ने 2 लाख 59 हजार रुपए वापस किए हैं। जिसमें पाठशाला स्कूल बालाघाट ने सबसे अधिक राशि लौटाई है। स्कूलों की जांच और अधिक ली गई राशि के वापसी की प्रक्रिया अभी भी जारी है। जानकारी के अनुसार गत माह जिले की 10 स्कूलों में निर्धारित किताबों के अलावा अन्य पुस्तकों से अध्ययन कराने के लिए अभिभावकों पर अन्य प्रकाशकों की बुक्स खरीदने का मामला सामने आया था। कलेक्टर मृणाल मीना ने इसकी विस्तृत जांच करने के आदेश दिए थे। इसके बाद ली गई अधिक राशि वापस कराने के लिए तहसीलदारों की टीम गठित की गई। बुधवार को आयोजित हुई टीएल बैठक में कलेक्टर ने जांच के सम्बंध में समीक्षा की। जिला शिक्षा अधिकारी एके उपाध्याय ने बताया कि जांच के बाद अब तक 221 अभिभावकों को 2 लाख 59 हजार 844 रुपये वापस कराए गए है। निर्धारित किताबों के अलावा अन्य प्रकाशकों की पुस्तकें स्कूलों में प्रचलित कराने के मामलें में बड़ी संख्या में अभिभावकों को राशि वापस कराई गई है। इन स्कूलों ने लौटाई राशि जिला शिक्षा अधिकारी एके उपाध्याय ने जानकारी देते हुए बताया कि पाठशाला स्कूल बालाघाट द्वारा 60 छात्रों, अभिभावकों को 1 लाख 17 हजार रुपये की राशि वापस की गई है। इसके अलावा जॉनसन किड्स स्कूल बूढ़ी ने 38 छात्रों को 50 हजार रुपये, सतपुड़ा वेली पब्लिक स्कूल ने 60 छात्रों को 44574 रुपये, ओजस स्कूल बालाघाट ने 40 विद्यार्थियों को 26 हजार रुपये, ग्रीन वेली पब्लिक स्कूल ने 13 विद्यार्थियों को 16 हजार और कटंगी में कटेदरा की ट्यूलिप स्कूल ने 10 छात्रों को 6270 रुपये अब तक वापस किये गए है। अभी भी इस सम्बंध में जांच जारी है। राशि नहीं लौटाने पर लगाया जाएगा जुर्माना कलेक्टर मृणाल मीना ने इस मामलें में निर्देश दिए है कि जो स्कूल राशि वापस नही कर रहें है, उन पर निर्धारित नियमानुसार 2 लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जाए। कलेक्टर मीना के 22 अप्रैल को दिए आदेशानुसार मप्र निजी विद्यालय (फीस तथा अन्य सम्बंधित विषयों का विनियम) अधिनियम-2017 की धारा-6 व 9 तथा अधिनियम 2020 के नियम 6 (1) (घ) के अनुसार छात्र या अभिभावकों को पुस्तकें एवं अन्य सामग्री केवल चयनित विक्रेताओं से क्रय करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है। इसके बाद विस्तृत जांच प्रारम्भ हुई। जांच में आयी अनियमितता के बाद कलेक्टर के निर्देशों पर कारण बताओ नोटिस जारी किए गए। तीन दिनों के भीतर एनसीईआरटी द्वारा उपलब्ध कराई गई पुस्तकों के मूल्य को आधार मानकर पालकों व छात्रों से लिया गया अधिक मूल्य की राशि वापस करने का नोटिस जारी किये गए थे। भानेश साकुरे / 14 मई 2025