क्षेत्रीय
14-May-2025
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वायएमसीए ने कैदियों को जीवन के मुख्यधारा में लौटाने के लिए किया प्रयास बालाघाट (ईएमएस). जिले के अलग-अलग जेलों में निरुद्ध कैदियों को जीवन के मुख्यधारा में लौटाने के लिए वायएमसीए ने एक नई पहल की है। जिला जेल बालाघाट, उपजेल वारासिवनी और बैहर में निरुद्ध कैदियों को अपने परिवार में लौटने के बाद एक अच्छा आचरण करने और अच्छे नागरिक की तरह व्यवहार करने के लिए कैदियों को अलग-अलग प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान कैदियों को एलईडी बल्ब, हैंडवॉश, फिनायल बनाना सिखाया गया। यह कम खर्च में तैयार किए जाने वाली सामग्री है। इससे अच्छी आय भी हो जाती है। यदि इसे जेल में भी बनाना चाहे तो संगठन इसके लिए भी सहयोग करता है। संगठन के जिला अध्यक्ष जैसपर सारभंग ने बताया कि ये सामग्री एकदम कम खर्च में बनाई जा सकती है। बाजारों में इनकी डिमांड भी रहती है। इसके कोई भी आसानी से तैयार कर सकता है। उन्होंने बताया कि उनका संगठन कैदियों को एक अच्छे नागरिक की तरह आचरण करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। इसके लिए वे जेलों में पहुंचकर कैदियों से मुलाकात करते हैं। उन्हें जीवन के मुख्यधारा में लौटने के बाद अच्छे नागरिक बनने के लिए प्रेरित भी किया जाता है। इस अवसर पर बालाघाट जेलर रामलाल शलामे, संगठन के अध्यक्ष भोपाल से डॉ. अक्षय व उनकी टीम, बालाघाट से वायएमसीए के जिला अध्यक्ष जैसपर सारभंग, आशमा सारभंग, आशीष सिंह, सरित सिंह, रानू, संजय, डॉ. प्रवर मौजूद रहे। भानेश साकुरे / 14 मई 2025