राष्ट्रीय
17-May-2025


जज जमीनी हकीकत नजरअंदाज नहीं कर सकते - न्यायपालिका का लोगों से दूरी बनाए रखना असरदार नहीं नई दिल्ली (ईएमएस)। सुप्रीम कोर्ट के नव-नियुक्त सीजेआई बीआर गवई ने शनिवार को कहा कि जज जमीनी हकीकत को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं। वे बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) के सम्मान समारोह में बोल रहे थे। इस दौरान सीजेआई गवई ने सामाजिक वास्तविकताओं को समझने और उनका जवाब देने में जजों की भूमिका पर जोर दिया। सीजेआई गवई ने कहा कि आज की न्यायपालिका मानवीय अनुभवों की जटिलताओं को नजरअंदाज करते हुए कानूनी मामलों को सख्त काले और सफेद शब्दों में देखने का जोखिम नहीं उठा सकती। सीजेआई ने इस बात पर जोर दिया कि न्यायपालिका में लोगों से दूरी रखना असरदार नहीं है। उन्होंने इस धारणा को खारिज कर दिया कि सुप्रीम कोर्ट के जजों को लोगों से जुडऩे से बचना चाहिए। सीजेआई गवई ने जज का पद मिलने की अपनी शुरुआती हिचकिचाहट के बारे में भी बताया। उन्होंने बताया कि उनके पिता ने उनसे कहा था कि वकील के रूप में काम करना आर्थिक समृद्धि लाएगा, लेकिन संवैधानिक न्यायालय में जज के रूप में सेवा करने से उन्हें डॉ. बी आर अंबेडकर के सामाजिक और आर्थिक न्याय के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने का मौका मिलेगा। अपने पिता की सलाह मानते हुए सीजेआई गवई ने हाईकोर्ट जज के रूप में अपने 22 साल के कार्यकाल और सुप्रीम कोर्ट जज के रूप में छह साल के कार्यकाल पर संतोष जताया। उन्होंने कहा कि इस दौरान उन्होंने हमेशा ज्यूडिशियल सिस्टम को अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास किया है। विनोद उपाध्याय / 17 मई, 2025