जयपुर (ईएमएस)। पाकिस्तान से हाल ही में हुए सैन्य संघर्ष के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ। मोहन भागवत ने कहा कि दुनिया आपको तभी सुनती है जब आपके पास शक्ति हो। शनिवार को राजस्थान की राजधानी जयपुर में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने उक्त बातें कही। उन्होंने यह भी कहा कि भारत विश्व का सबसे प्राचीन देश है। उसकी भूमिका बड़े भाई की है। भारत विश्व में शांति और सौहार्द के लिए कार्य कर रहा है। आरएसएस के सरसंघचालक शनिवार को जयपुर के हरमाडा स्थित रविनाथ आश्रम में आयोजित रविनाथ महाराज की पुण्यतिथि के कार्यक्रम में बोल रहे थे। कार्यक्रम में आरएसएस चीफ डॉ। मोहन भागवत ने कहा कि भारत में त्याग की परंपरा रही हैं। भगवान श्री राम से लेकर भामाशाह को हम पूजते और मानते हैं। भागवत ने कहा कि विश्व को धर्म सिखाना भारत का कर्तव्य है लेकिन इसके लिए भी शक्ति की आवश्यकता होती है। पाकिस्तान पर हालिया कार्रवाई की चर्चा करते हुए कहा कि भारत किसी से द्वेष नहीं रखता लेकिन विश्व प्रेम और मंगल की भाषा भी तब ही सुनता है जब आपके पास शक्ति हो। यह दुनिया का स्वभाव है। इस स्वभाव को बदला नहीं जा सकता, इसलिए विश्व कल्याण के लिए हमें शक्ति संपन्न होने की आवश्यकता है। और हमारी ताक़त विश्व ने देखी है। सुबोध\१७\०५\२०२५