19-May-2025
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नई दिल्ली(ईएमएस)। केंद्र सरकार ने कांग्रेस के उन तमाम आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है जिसमें दावा किया गया था कि सरकार ने विपक्षी पार्टी से विदेशी दौरों के लिए चार सांसदों के नाम मांगे और फिर उनमें से तीन को खारिज कर दिया। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को इस मिशन की जानकारी सिर्फ शिष्टाचारवश दी गई थी, न कि औपचारिक प्रक्रिया के तहत।एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में रिजिजू ने कहा, कभी भी यह प्रथा नहीं रही है कि विपक्षी पार्टियों से उनके नाम मांगे जाएं। हमने उन्हें केवल शिष्टाचार के तहत सूचित किया। कांग्रेस द्वारा अपने सुझावों की उपेक्षा को लेकर जताई गई नाराजगी पर जवाब देते हुए रिजिजू ने कहा कि सरकार ने उन्हीं लोगों को चुना जो मिशन के लिए सबसे उपयुक्त थे। उन्होंने कहा, हमें हैरानी हो रही है कि कांग्रेस शशि थरूर और मनीष तिवारी जैसे नेताओं के नामों पर सवाल उठा रही है। दोनों विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर विपक्ष की तरफ से प्रभावी आवाज रहे हैं और अभी एक साल भी नहीं हुआ जब कांग्रेस ने खुद थरूर को विदेशी मामलों की स्थायी समिति का अध्यक्ष बनाया था। कांग्रेस पार्टी का आरोप है कि थरूर और तिवारी को इसलिए चुना गया ताकि पार्टी नेतृत्व को नीचा दिखाया जा सके। इस पर रिजिजू ने कहा, यह केवल एक झूठा संकेत है। हमने किसी पार्टी की आंतरिक राजनीति, असुरक्षा या ईर्ष्या के आधार पर नहीं, बल्कि योग्यता के आधार पर चयन किया है। हमने सलमान खुर्शीद और अमर सिंह (पंजाब के कांग्रेस सांसद) को भी चुना है, अब इस पर क्या कहेंगे? कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इस चयन प्रक्रिया की आलोचना करते हुए कहा था, यह मोदी सरकार की पूर्ण असंवेदनशीलता और उसकी वह सस्ती राजनीति दर्शाता है जो वह हमेशा राष्ट्रीय मुद्दों पर खेलती है।कांग्रेस का मानना है कि थरूर को इसलिए चुना गया क्योंकि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर पर पार्टी लाइन से हटकर बयान दिया था। जब कांग्रेस इस मुद्दे पर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की भूमिका को निशाने पर ले रही थी, तब थरूर ने कहा था कि वे इस ऑपरेशन पर एक गर्वित भारतीय के तौर पर बोल रहे हैं। ऐसे में राहुल गांधी ने अपने प्रस्तावित नामों की सूची से थरूर को हटा दिया था। राहुल की सूची में गौरव गोगोई, आनंद शर्मा, राजा वड़िंग और सैयद नसीर हुसैन शामिल थे, जिनमें से केवल आनंद शर्मा के नाम को ही स्वीकार किया गया।बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने का भारत का संदेश लेकर सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल विदेश जाएंगे, जिनमें से चार प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व सत्तारूढ़ दलों के नेता जबकि तीन की अगुवाई विपक्षी दलों के नेता करेंगे। कांग्रेस के चार सांसद इन टीमों का हिस्सा हैं और केरल के सांसद शशि थरूर एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। वीरेंद्र/ईएमएस/19मई 2025