नई दिल्ली(ईएमएस)। हाल ही में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को तहस नहस कर दिया। इस हमले में कई सैन्य ठिकाने भी तबाह हो गए। कंगाली और बदहाली से जूझ रहे पाकिस्तान के बारे में पूरी दुनिया को पता है कि ये आतंक का बहुत बड़ा गढ़ है। यहां भारी भरकम बजट आतंकियों के पोषण पर खर्च होता है। इसके बाद भी आईएमएफ ने पाकिस्तान को करोड़ों का कर्ज दे दिया। जैसे ही कर्ज मिला पाकिस्तान ने तुरंत मृत आतंकियों के परिजनों को एक एक करोड़ की सहायता राशि देने की घोषणा कर दी। वही हुआ जिसकी आशंका भारत को पहले से थी। आतंकी मसूद अजहर को 14 करोड़ की सहायता राशि पाकिस्तान देने जा रहा है। इसके अलावा उनके स्ट्रक्चर को खड़ा करने पर भी बड़ी रकम खर्च करने की आशंका है। आईएमएफ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत-पाक तनाव और पाकिस्तान के अंदर के हालात सुधारों में बाधा बन सकते हैं। अगर फंड का दुरुपयोग हुआ या पक्षपात का आभास हुआ, तो इससे आईएमएफ की साख को नुकसान हो सकता है। इसके लिए आईएमएफ ने पाकिस्तान पर 11 नई शर्तें लगाई हैं। जिनमें प्रमुख रूप से बजट संसद से आईएमएफ के मुताबिक पास कराना, टैक्स छूट खत्म करना, बिजली-गैस दरों में सुधार, वाहन आयात की पाबंदी हटाना और पारदर्शिता और प्रशासनिक सुधार शामिल हैं। पाकिस्तान को आईएमएफ से दो पैकेड मिले हैं, पहला- 1.4 अरब डॉलर की जलवायु राहत सहायता और 1 अरब डॉलर का नया कर्ज। भारत ने 9 मई को आईएमएफ की बैठक में इस पर आपत्ति जताई थी, लेकिन अमेरिका और यूरोपीय देशों ने इस सहायता को मंजूरी दे दी। भारत पहले ही जता चुका था आपत्ति भारत ने पहले ही आईएमएफ को आगाह किया था कि यह पैसा कहीं आतंकी ढांचे को दोबारा खड़ा करने में न लग जाए। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले सप्ताह कहा था कि पाकिस्तान इस मदद का दुरुपयोग कर सकता है और इसे आतंकी गतिविधियों में लगा सकता है। इस बीच पाकिस्तानी चैनलों में यह भी रिपोर्ट सामने आई कि पाक सरकार जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को करोड़ों का मुआवजा दे सकती है, यह नुकसान उसे भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हुआ। ऑपरेशन सिंदूर में सेना ने जैश के कई ठिकानों को तबाह कर दिया था। अजहर के परिवार के कई लोग भी मारे गए। वीरेंद्र/ईएमएस/19मई 2025