राष्ट्रीय
19-May-2025


25000 करोड़ से ज्यादा शराब का अवैध कारोबार शराबबंदी के बाद भी गुजरात में हर ब्रांड की शराब शराब माफिया गांव-गांव तक फैला अहमदाबाद (ईएमएस)। गुजरात में 25000 करोड रुपए से ज्यादा शराब का अवैध कारोबार हो रहा है। गुजरात में, मध्य प्रदेश राजस्थान महाराष्ट्र पंजाब और हरियाणा से बड़ी मात्रा में शराब तस्करी करके गुजरात में बिक रही है। नशे का यह नेटवर्क अब गांव-गांव तक पहुंच गया है। शराब के साथ-साथ नशीले पदार्थ का व्यापार पिछले 10 वर्षों में बड़ी तेजी के साथ गुजरात में बढा है। राजनीतिक संरक्षण प्राप्त माफिया ने अपनी जड़ें गांव गांव तक फैला ली हैं। शराब और नशीले कारोबार में लगा हुआ यह माफिया आर्थिक सामाजिक और राजनीतिक रूप से बड़ा पावरफुल हो गया है। गुजरात में शराबबंदी लागू है। इसके बाद भी यहां पर बड़ी मात्रा में शराब की बिक्री हो रही है। शराब माफिया को भ्रष्ट नेताओं पुलिस का संरक्षण प्राप्त है। गुजरात में कम से कम 25 हजार करोड रुपए की शराब तस्करी के माध्यम से आती है। गुजरात की पुलिस 300 से 500 करोड रुपए की हर साल अवैध शराब को जप्त करती है। यह कार्रवाई पुलिस को दिखाने के लिए करनी ही पड़ती है। गुजरात में सबको पता है, शराब बड़ी मात्रा में हर स्थान पर उपलब्ध है। जिसके कारण समय-समय पर पुलिस को शराब की जपती कर अपनी सक्रियता बतानी पड़ती है। शराब माफिया को पुलिस और राजनीतिक संरक्षण होने के कारण इन पर कोई भी नकेल नहीं लगा पा रहा है। दिनों दिन शराब माफिया से जुड़े लोग शक्तिशाली होते चले जा रहे हैं। सस्ती और महंगी ब्रांडेड शराब पूरे गुजरात के हर जिले और कस्बे में आसानी से उपलब्ध हो जाती है। शराब की डोर डिलीवरी, गुजरात का सबसे बड़ा रोजगार का साधन बन गया है। हजारों की संख्या में युवा शराब और नशीले पदार्थ की बेचने और डिलीवरी करने के काम में लगे हुए हैं। गुजरात में निगरानी प्रकोष्ठ ने एक साल में 455 शराब तस्करी के मामले दर्ज किए हैं। इसमें 144 करोड रुपए की शराब पकड़ी गई है। गुजरात के सीमावर्ती राज्यों से रोजाना ट्रैकों,मिनी ट्रैकों और कारों के माध्यम से शराब का अवैध कारोबार गुजरात में हो रहा है। शराब की तस्करी के लिए घने जंगलों और कच्चे मार्ग को भी शराब माफिया ने इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। गुजरात में शराब तस्करी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। 2024 में 144 करोड़ रुपए की विदेशी शराब जप्त की गई है। 2 लाख लीटर देसी शराब भी जप्त की गई है। अवैध शराब के कारोबार में भ्रष्ट राजनेता पुलिस और शराब माफिया के लोगों द्वारा किया जा रहा है। पूरे गुजरात को शराब माफिया ने आपस में बांट लिया है। हर जिले और कस्बे में कारोबार करने के लिए माफिया ने एक ऐसा नेटवर्क तैयार किया है। जिसको तोड़ पाना स्थानीय पुलिस और सरकार के लिए भी संभव नहीं है। इस नेटवर्क को नेताओं का संरक्षण प्राप्त है। गुजरात मे शराबबंदी होने के कारण सरकार को शराब के इस अवैध कारोबार से कोई भी राजस्व नहीं मिलता है। शराब के अवैध कारोबार के कारण गुजरात में कानून व्यवस्था की स्थिति दिनों दिन बिगड़ रही है। शराब और नशीले पदार्थों के कारोबार में अपराधी तत्व बड़ी संख्या में शामिल हो गए हैं। जिसके कारण इनका आतंक गुजरात में बढता ही जा रहा है। एसजे/ 19 मई /2025