कलेक्टर ने आवेदकों से सीधे किया संवाद, छिंदवाड़ा (ईएमएस)। कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह जिले में लगातार नवाचार कर प्रशासनिक कार्यप्रणाली को जनमानस के लिए सुगम बनाने में लगे हुए हैं। इसी क्रम में एक नवाचार उन्होंने फिर किया है। जिसके अंतर्गत प्रदेश में मुख्यमंत्री समाधान ऑनलाइन की तर्ज पर जिले में भी बीते माह से जिला स्तरीय समाधान ऑनलाइन कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। यह कार्यक्रम प्रत्येक माह में दो बार सोमवार को आयोजित किया जाता है। इसके लिए काफी समय से लंबित सीएम हेल्पलाइन शिकायतों में से किन्हीं दो शिकायतों का रैंडम चयन किया जाता है। इनके शिकायतकर्ताओं और संबंधित विभागीय अधिकारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जोडक़र कलेक्टर उनसे सीधे चर्चा करते हैं। समस्या का त्वरित समाधान कराया जाता है, साथ ही शिकायतकर्ता से मिले फीडबैक के आधार पर लापरवाह कर्मचारियों, अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाती है। कलेक्टर ने आवेदक को लगाया फोन कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में सोमवार को आयोजित जिला स्तरीय समाधान ऑनलाइन कार्यक्रम में कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह के द्वारा दो महत्वपूर्ण मामले समीक्षा के लिए चुने गए थे। जिनके शिकायतकर्ता का फीडबैक भी कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह द्वारा लिया गया और इस संबंध में संबंधित अधिकारी से भी जानकारी प्राप्त की गई। पहला मामला ब्लॉक जामई निवासी दिलीप धुर्वे की शिकायत से जुड़ा था, जिसमें उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत लाड़ली लक्ष्मी योजना में पंजीयन न होने, प्रमाण पत्र न मिलने एवं अन्य लाभ प्राप्त न होने की बात कही थी। दूसरा मामला भी जामई के ही रूपेश पाल से संबंधित था, जिन्होंने कक्षा 1 से 8 तक की शासकीय शालाओं में शिक्षकों की विलंब से उपस्थिति, अनुपस्थिति एवं शाला बंद रहने की शिकायत दर्ज की थी। यह शिकायत 6 सितंबर 2023 को दर्ज की गई थी और एल-1 अधिकारी बीआरसीसी जुन्नारदेव को प्रेषित की गई थी, परंतु इसे 39 बार कार्यक्षेत्र से बाहर कर दिया गया था। लापरवाही पर नोटिस दोनों मामलों में संबंधित विभागों द्वारा संतोषजनक समाधान कर दिया गया है, लेकिन कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने स्पष्ट निर्देश दिए कि समाधान ऑनलाइन कार्यक्रम में प्रस्तुत होने के बाद ही मामलों का निराकरण करना एक लापरवाही है। उन्होंने कहा कि ऐसी शिकायतों का समाधान पहले ही किया जाना चाहिए ताकि वे कार्यक्रम में प्रस्तुत ही न हों। साथ ही जिन अधिकारियों या कर्मचारियों की गलती से प्रकरण लंबित या गलत ढंग से बंद किए गए, उनके विरुद्ध कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश भी दिए गए हैं। पूर्व के जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही की लिए संबंधित विभाग को पत्र लिखने के भी निर्देश दिए गए हैं। स्कूल शिक्षा विभाग से जुड़े प्रकरण में डीपीसी को स्पष्टीकरण देने और महिला बाल विकास के प्रकरण में सम्बंधित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पर पेनाल्टी लगाने के निर्देश दिए गए हैं। ईएमएस/मोहने/ 19 मई 2025