मध्यप्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार ने 20 मई 2025 को इंदौर के ऐतिहासिक राजवाड़ा परिसर में एक विशेष कैबिनेट बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया है। यह बैठक न केवल प्रशासनिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व भी रखती है, क्योंकि यह लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जन्म जयंती वर्ष के समापन और उनकी विवाह वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित की जा रही है। इसके पहले डॉ मोहन सरकार दमोह, जबलपुर में डेस्टिनेशन कैबिनेट के सफल आयोजन कर चुकी है। यह कैबिनेट की बैठक अहिल्याबाई के आदर्शों को आत्मसात करने का सुनहरा अवसर है। कैबिनेट बैठक का मुख्य उद्देश्य लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर के सुशासन और सांस्कृतिक पुनर्जागरण के योगदान को याद करते हुए होल्कर साम्राज्य के संस्थापक महाराज मल्हार राव होल्कर का भी पुण्य स्मरण करना है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्पष्ट किया है कि यह आयोजन इंदौर की सांस्कृतिक विरासत को रेखांकित करने और मध्यप्रदेश के विकास के लिए दीर्घकालिक दृष्टिकोण, जैसे कि विजन 2047, को प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान करेगा। यह आयोजन इंदौर के ऐतिहासिक महत्व का स्मरण करने और देवी अहिल्याबाई के आदर्शों को प्रचारित करने का बेहतरीन अवसर है। होल्कर साम्राज्य का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व रहा है। इंदौर का राजवाड़ा, होल्कर साम्राज्य का प्रतीक, मध्य भारत के गौरवशाली अतीत का साक्षी रहा है। यह वह स्थान है जहां होलकर साम्राज्य के शासकों ने अपने दरबार लगाए और अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए। 20 मई को गणेश हॉल में होने वाली यह बैठक उसी परंपरा को जीवंत करेगी, जहां डॉ मोहन कैबिनेट अपने कई महत्वपूर्ण नीतिगत फैसले लेगी। यह पहली बार है जब आज़ादी के कई वर्षों बाद इस ऐतिहासिक स्थल पर डॉ. मोहन कैबिनेट का भव्य दरबार सजेगा। राजवाड़ा एक महल नहीं, बल्कि होलकर साम्राज्य की विरासत है जिस पर आज भी सभी गर्व महसूस करते हैं। यह वह ऐतिहासिक स्थान है जहां से होलकर साम्राज्य ने अपने कई बड़े फैसलों से अपनी दिशा तय की थी। इसका निर्माण 1766 से 1834 के बीच हुआ और इसकी भव्यता आज भी लोगों को आकर्षित करती है। देवी अहिल्याबाई होलकर इसी राजवाड़ा से प्रशासनिक निर्णय लिया करती थी। अंतिम बार 1945 में महाराज यशवंतराव होलकर तृतीय ने अपनी मंत्रिपरिषद के साथ इसी दरबार हॉल में बैठक की थी। वहीँ राजवाड़ा इस बार फिर डॉ. मोहन यादव के निर्णायक फैसलों का साक्षी बनने जा रहा है। लोकमाता की उसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए अब मोहन सरकार यहां बैठक कर, न सिर्फ राजवाड़े के सांस्कृतिक गौरव को पुनर्स्थापित कर रही है बल्कि सुशासन के संकल्पों के नए मानदंड प्रदेश में स्थापित कर रहे हैं। कैबिनेट बैठक में मालवा संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। इस आयोजन को मालवा की संस्कृति के साथ जोड़ने का प्रयास किया गया है, जिसमें मंत्रियों का स्वागत मालवी पगड़ी पहनाकर किया जाएगा । बैठक के बाद दरबार हाल में सभी मंत्रियों और अधिकारियों के लिए पारंपरिक मालवी भोजन परोसा जाएगा, जिसमें दाल-बाफले, दाल-बाटी-चूरमा, मावा बाटी, दही, लड्डू, केसर श्रीखंड, मैंगो रबड़ी और छाछ जैसे व्यंजन शामिल होंगे। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर चर्चा और निर्णय की उम्मीद है, जिसमें विजन 2047 के तहत मध्यप्रदेश के दीर्घकालिक विकास की कई योजनाएं शामिल हैं। इसके अलावा, निवेश संवर्धन, औद्योगिक विकास और सांस्कृतिक संरक्षण से संबंधित नीतियों पर भी विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा। कैबिनेट बैठक में जिला विकास सलाहकार समिति का प्रस्ताव भी आएगा। कैबिनेट बैठक में अनेक कल्याणकारी प्रस्तावों को हरी झंडी मिल सकती है जिसमें नए रोजगार के अवसर सृजित करने, कर्मचारियों के पदोन्नति संबंधी प्रस्ताव भी पास हो सकते हैं। कैबिनेट बैठक में सरकार मेट्रोपॉलिटन रीजन एक्ट 2025 भी लेकर आएगी जिससे इंदौर और भोपाल को मेट्रोपॉलिटन रीजन बनाने की प्रक्रिया को नई गति मिलेगी। इस बड़ी पहल के साथ मध्यप्रदेश देश का 13वां राज्य बन जाएगा, जहां मेट्रोपॉलिटन रीजन विकसित किए जाएंगे। इंदौर के राजबाड़ा में होने वाली मोहन कैबिनेट की बैठक एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक मील का पत्थर साबित होगी। यह आयोजन न केवल प्रशासनिक निर्णयों के लिए, बल्कि इंदौर की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान को वैश्विक मंच पर उजागर करने के लिए भी महत्वपूर्ण होगा। यह आयोजन मध्यप्रदेश की समृद्ध विरासत को सम्मान देने के साथ-साथ भविष्य के विकास के लिए एक मजबूत नींव रखेगा। लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती को समर्पित यह बैठक इंदौर के गौरव को और बढ़ाएगी और मालवा की संस्कृति को राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करेगी। ( लेखक वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक हैं) (यह लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं इससे संपादक का सहमत होना अनिवार्य नहीं है) .../ 20 मई /2025