नई दिल्ली (ईएमएस)। बहुत से लोग मानते हैं कि खून की कमी सिर्फ आयरन की कमी से होती है, लेकिन यह अधूरी जानकारी है। एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, सही मात्रा में खून बनाए रखने के लिए कुछ महत्वपूर्ण विटामिन्स की भी अहम भूमिका होती है। इनमें मुख्य हैं विटामिन बी12, विटामिन बी9 (फोलिक एसिड) और विटामिन सी। इन विटामिन्स की कमी से शरीर लाल रक्त कोशिकाएं ठीक से नहीं बना पाता और खून की कमी हो जाती है। विटामिन बी12 की कमी से मेगालोब्लास्टिक एनीमिया नाम की स्थिति उत्पन्न होती है, जिसमें असामान्य आकार की और कमजोर आबीसीएस बनती हैं। यह विटामिन तंत्रिका तंत्र की सेहत और डीएनए निर्माण में भी जरूरी होता है। इसकी कमी से थकान, याददाश्त में कमी, हाथ-पैर में झनझनाहट और मानसिक भ्रम जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यह विटामिन मुख्यतः पशु उत्पादों (दूध, अंडा, मांस) में पाया जाता है, इसलिए शाकाहारियों में इसकी कमी आम है। फोलिक एसिड, जिसे विटामिन बी9 भी कहा जाता है, नई कोशिकाएं और विशेषकर रेड ब्लड सेल्स के निर्माण के लिए आवश्यक होता है। इसकी कमी से भी मेगालोब्लास्टिक एनीमिया हो सकता है। यह खासकर गर्भवती महिलाओं के लिए आवश्यक है, क्योंकि इसकी कमी भ्रूण के विकास को प्रभावित कर सकती है। पालक, चुकंदर, हरी सब्जियां, दालें और अनाज इसके अच्छे स्रोत हैं। विटामिन सी सीधे खून नहीं बनाता, लेकिन यह आयरन के अवशोषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब शरीर को पर्याप्त विटामिन सी नहीं मिलता, तो आयरन भले ही पर्याप्त मात्रा में हो, वह पूरी तरह अवशोषित नहीं हो पाता। इसका मतलब है कि बिना विटामिन सी के, शरीर आयरन का सही उपयोग नहीं कर पाता, जिससे आयरन डेफिशिएंसी एनीमिया हो सकता है। आंवला, नींबू, संतरा, अमरूद और टमाटर विटामिन सी के अच्छे स्रोत हैं। अगर आप लगातार थकान महसूस करते हैं, आपकी त्वचा पीली दिखती है, नाखून टूटते हैं या सांस लेने में दिक्कत होती है, तो यह संकेत हो सकते हैं कि आपके शरीर में खून की कमी है। समय पर ब्लड टेस्ट करवाकर विटामिन बी12, फोलिक एसिड और आयरन की जांच करवाना जरूरी है। बिना जांच के सिर्फ आयरन सप्लीमेंट लेने से फायदा नहीं होता – कई बार इससे नुकसान भी हो सकता है। खून की कमी से बचाव और इलाज दोनों संभव हैं यदि हम सही जानकारी और सतर्कता अपनाएं। अपने आहार में हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, अंकुरित अनाज, दूध, दही और विटामिन से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करें। यदि आप शाकाहारी हैं, तो डॉक्टर की सलाह से विटामिन बी 12 के सप्लीमेंट ले सकते हैं। साथ ही, समय-समय पर स्वास्थ्य जांच कराना न भूलें ताकि किसी भी कमी को शुरुआती स्तर पर ही रोका जा सके। मालूम हो कि आज की तेज रफ्तार जिंदगी में लोग अपने खान-पान पर उतना ध्यान नहीं दे पाते, जितना देना चाहिए। इसका सीधा असर सेहत पर पड़ता है और उनमें से एक आम लेकिन गंभीर समस्या है खून की कमी। इसे मेडिकल की भाषा में एनीमिया कहा जाता है। शरीर में खून की कमी तब होती है जब रेड ब्लड सेल्स या उनमें मौजूद हीमोग्लोबिन की मात्रा सामान्य से कम हो जाती है। इससे थकान, चक्कर आना, सांस फूलना, ध्यान की कमी और चेहरे पर पीलापन जैसी समस्याएं होती हैं। सुदामा/ईएमएस 21 मई 2025