-हार्वर्ड ने 27 डॉल्रर में कॉपी समझकर खरीदा था, इतिहासकारों ने खोला रहस्य लंदन (ईएमएस)। 1946 में अमेरिका के हार्वर्ड लॉ स्कूल ने एक पुरानी और धुंधली सी दिखने वाली ‘कॉपी’ खरीदी जिसकी कीमत थी सिर्फ 27.50 डॉलर। उस समय किसी को अंदाज़ा नहीं था कि ये मामूली दस्तावेज इतिहास के सबसे अहम चार्टर्स में से एक का ओरिजिनल संस्करण है। अब, ब्रिटेन के किंग्स कॉलेज लंदन और यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट अंगिला के इतिहासकारों ने इसका रहस्य खोला है। उनके मुताबिक ये कोई साधारण कॉपी नहीं, बल्कि 1300 ईस्वी में किंग एडवर्ड-1 द्वारा जारी की ‘मैग्ना कार्टा’ की असली प्रति है। आज तक ऐसी केवल सात ही प्रतियां जानी जाती थीं। अब यह आठवीं सामने आई है। बता दें 1215 में पहली बार इंग्लैंड के राजा जॉन ने मैग्ना कार्टा पर साइन किया था। यही वह दस्तावेज था जिसने पहली बार यह स्थापित किया कि राजा कानून से ऊपर नहीं है। ये लोकतंत्र और मानवाधिकारों की नींव रखने वाला चार्टर था। इसके बाद 1300 में एडवर्ड-1 ने इसका अंतिम आधिकारिक संस्करण जारी किया, जिसे कॉन्फरमेश्न ऑफ द चार्टर कहा जाता है। हार्वर्ड के पास मिली प्रति इसी संस्करण की है। शोधकर्ताओं ने पाया कि दस्तावेज का साइज और उसमें लिखे अक्षरों की शैली जैसे एडर्डस में बड़ा ‘ई’) बिल्कुल वैसी ही है जैसी बाकी छह असली प्रतियों में है। इसकी हैंडराइटिंग, स्याही और पेपर की बनावट भी वही संकेत देती है। किंग्स कॉलेज लंदन के प्रोफेसर कहते हैं कि यह कोई धुंधली-सी कॉपी नहीं, बल्कि असली मैग्ना कार्टा है। वह भी ऐसे समय की जब इसका ऐतिहासिक महत्व और भी बढ़ गया था। ये वही मैग्ना कार्टा है जिसने अमेरिका का डिक्लेरेशन ऑफ इंडिपेंडेंस और कॉन्सटीट्यूशन तैयार करने में प्रेरणा दी। दुनियाभर में कई संविधान और मानवाधिकार कानून इससे प्रभावित हैं। यह दस्तावेज सिर्फ कागज नहीं, बल्कि इंसानी आजादी का प्रतीक बन चुका है। 1946 में हार्वर्ड लॉ स्कूल की लाइब्रेरी ने इसे 27.50 डॉलर में खरीदा था। आज के हिसाब से ये करीब 470 डॉलर यानी करीब 39,000 बनते हैं। यानी कुछ हज़ार में एक अमूल्य ऐतिहासिक धरोहर मिल गई। इस खोज के बाद उम्मीद की जा रही है कि हार्वर्ड अब इस ऐतिहासिक दस्तावेज को फिर से रिस्टोर करेगा और जनता के सामने रखेगा। सिराज/ईएमएस 21मई25