लखनऊ (ईएमएस)। उत्तर प्रदेश में डिजिटल कारोबार की तरफ मंडी परिषद ने एक और कदम बढ़ाया है। दूसरे चरण में प्रदेश की 37 मंडी राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नैम) से जोड़ी गई हैं। इससे संबंधित जिलों के किसान मंडी समिति से ऑनलाइन देशभर की ई-नैम से जुड़ी मंडियों के व्यापारियों को सीधे अपनी उपज बेच सकेंगे। 24 घंटे के अंदर उनके खातों में भुगतान हो जाएगा। किसानों और व्यापारियों की सहूलियत के लिए 37 मंडी में अब मैनुअल के बजाए डिजिटल खरीद-बिक्री होगी। ई-नैम से लैस मंडियों में किसान अपनी उपज लेकर आएंगे। जो वहां के व्यापारियों को सीधे न बेचकर पहले उपज का लैब में परीक्षण कराएंगे और ग्रेड के हिसाब से उनके दाम तय होंगे। इसके बाद किसान स्वयं नीलामी चबूतरा पर एलईडी के माध्यम से अपनी उपज देशभर की ई-नैम से जुड़ी डियों के कारोबारियों को दिखाएंगे। बाहरी मंडियों के जुड़े व्यापारी ग्रेड के आधार पर बोली लगाएंगे और सौदा होने पर स्वयं उपज अपने खर्च पर मंगाएंगे। किसानों का भुगतान भी 24 घंटे के अंदर उनके खातों में मंडी के माध्यम से करेंगे। इससे किसानों की धनराशि नहीं फंसेगी और स्थानीय मंडी के व्यापारियों को औने-पौने दामों पर उपज नहीं खरीद पाएंगे। बल्कि किसानों को समय की बचत के साथ मेहनत के वाजिब दाम मिलेंगे। गौरतलब है कि प्रदेश में कुल 251 मंडी हैं। जिनमें गल्ला, फल, सब्जी समेत अन्य कृषि उपज की खरीद-बिक्री होती है। देशभर की सभी मंडी को ई-नैम के माध्यम से आपस में जोड़ा जा रहा है। चरण में 125 मंडी ई-नैम से जोड़ी गईं थीं। इससे खरीद-बिक्री आसान हुई और किसानों व व्यापारियों को लाभ मिला। कारोबार में पारदर्शिता आने से करोड़ों रुपये का मंडी समितियों को फायदा हुआ। अब तक पुरवा, जसवंतनगर, झींझक, रूरा, बबेरू, अहरौरा, अनूपशहर, शिकरापुर, डिबाई, आंवला, बहेड़ी, बहजोई, भिनगा, बिसवां, चांदपुर, चरखारी, चिरगांव, गुरसराय, मोठ, दातागंज, गंगोह, गरौरा, गोपीगंज, जाफरगंज, जसरा, कीरतपुर, कुशीनगर,महरौनी, मंझनपुर, मुंगरा बादशाहपुर, पयागपुर, रुदौली, उत्तरीपुरा तथा युसुफपुर सहित कुल 37 मंडी ई-नैम से जुड़ी हैं। जितेन्द्र 21 मई 2025