विनोद कुमार सिंह नई दिल्ली (ईएमएस)। अमृत भारत योजना केवल इमारतों की मरम्मत नहीं है, बल्कि यह पूरे यात्रा अनुभव को बदलने का एक प्रयास है।इस बदलाव से स्थानीय व्यवसाय, पर्यटन, रोजगार और क्षेत्रीय विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। राजा व महाराजाओ की ऐतिहासिक नगरी राजस्थान।जिसकी गौरवशाली इतिहास से हम व आप भली भाँति परिचित है।उसी राजस्थान के ऐतिहासिक शहर बीकानेर शहर में एक सार्वजनिक समारोह मे वर्चुअल माध्यम से देश के 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्थित 103 पुनर्विकसित रेलवे स्टेशनों का उद्घाटन किया।ये स्टेशन “अमृत भारत स्टेशन योजना” के तहत आधुनिक रूप से पुनर्निर्मित किए गए हैं। जिनमें तेलंगाना में बेगमपेट रेलवे स्टेशन काकतीय साम्राज्य की वास्तुकला से प्रेरित है।बिहार में थावे स्टेशन में 52 शक्तिपीठों में से एक माँ थावेवाली का प्रतिनिधित्व करने वाले विभिन्न भित्ति चित्र और कलाकृतियां शामिल हैं और यहां मधुबनी पेंटिंग को दर्शाया गया है। गुजरात में डाकोर स्टेशन रणछोड़राय जी महाराज से प्रेरित है। सर्वविदित रहे कि इस योजना का उद्देश्य भारतीय रेलवे के आधारभूत ढांचे को वैश्विक मानकों के अनुकूल व अनुरूप बना कर यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराना है। सर्व विदित रहे कि ये 103 स्टेशनों को लगभग 1100 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया गया है।जो देश के 86 जिलों में फैले हुए हैं,जिनमें आंध्रप्रदेश,असम, बिहार,छत्तीसगढ़, गुजरात,हरियाणा हिमाचल प्रदेश,झारखंड, कर्नाटक, केरल,मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र,पुडुचेरी, राजस्थान,तमिलनाडु,तेलंगाना,उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य शामिल हैं।ये स्टेशन न सिर्फ यात्री सुविधाओं के लिहाज़ से उन्नत किए गए हैं,बल्कि उनमें क्षेत्रीय संस्कृति, स्थानीय वास्तुकला और पर्यावरणीय मानकों का विशेष ध्यान रखा गया है। राजस्थान के बीकानेर ज़िले के देशनोक से एक विशाल जनसभा को संबोधित करते मोदी ने कहा कि यह कार्यक्रम आधुनिक भारत की आकांक्षाओं को पूरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।रेलवे स्टेशन किसी भी शहर के पहले प्रभाव का हिस्सा होते हैं और यह जरूरी है कि वे नए भारत की पहचान बने।अमृत भारत योजना केवल इमारतों की मरम्मत नहीं है,बल्कि यह पूरे यात्रा अनुभव को बदलने का एक प्रयास है स्थानीय व्यवसाय,पर्यटन,रोजगार और क्षेत्रीय विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।भारत अब तेज़ गति से इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में काम कर रहा है।पिछले कुछ वर्षों में छह गुना अधिक राशि इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं पर खर्च की गई है।आज रेलवे में वंदे भारत,अमृत भारत और नमो भारत जैसी आधुनिक ट्रेनें देश की नई रफ्तार और प्रगति का प्रतीक बन चुकी हैं। ब्रॉड गेज ट्रैक पर बिना फाटक वाली क्रॉसिंग अब इतिहास बन चुकी हैं और अब पूरा रेल नेटवर्क सुरक्षित, तेज़ और आधुनिक हो रहा है।इन स्टेशनों के डिज़ाइन में साफ-सफाई, दिव्यांगजनों के लिए सुविधा, पर्यावरणीय सुरक्षा,सौर ऊर्जा,जल संरक्षण और ग्रीन बिल्डिंग जैसे आयामों को भी जोड़ा गया है।हर स्टेशन की पहचान वहां की संस्कृति और परंपरा से जोड़कर बनाई गई है।इससे न केवल यात्रियों को एक नया अनुभव मिलेगा,बल्कि रेलवे देश की सांस्कृतिक विविधता का भी प्रतीक बनकर उभरेगा।भारत आज आत्मनिर्भर बनने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है और रेलवे के आधुनिकीकरण में भी यह आत्म निर्भरता झलक रही है।अमृत भारत स्टेशन योजना न केवल एक निर्माण योजना है,बल्कि यह भारत की नई सोच और दूरदृष्टि का प्रतीक भी है।भारतीय रेलवे के इस कायाकल्प से आने वाले वर्षों में देश की आर्थिक और सामाजिक गति को नई ऊंचाई मिलेगी।विगत11 वर्षों में सड़कों, हवाई अड्डों,रेलवे और रेलवे स्टेशनों में हुई तीव्र प्रगति की चर्चा की।उन्होंने परियोजनाओं की चर्चा करते हुए उत्तर में उल्लेखनीय चिनाब ब्रिज,अरुणाचल प्रदेश में सेला सुरंग और पूर्व में असम में बोगीबील ब्रिज का पश्चिमी भारत में,मुंबई में अटल सेतु दक्षिण में,भारत के अपनी तरह के पहले पंबन ब्रिज की चर्चा की।रेलवे नेटवर्क को आधुनिक बनाने के भारत के निरंतर प्रयासों पर बल देते हुए देश की नई गति और प्रगति के प्रतीक के रूप में वंदे भारत,अमृत भारत और नमो भारत रेलों के शुरूआत का उल्लेख किया।उन्होंने कहा कि अब लगभग 70 मार्गों पर वंदे भारत रेल चल रही हैं और इनसे दूरदराज के क्षेत्रों में आधुनिक रेल संपर्क स्थापित हो रहा हैं।आज सैकड़ों सड़क ओवरब्रिज और अंडरब्रिज के निर्माण के साथ ही 34,000 किलोमीटर से अधिक नई रेलवे पटरियां बिछाना शामिल है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ब्रॉड गेज लाइनों पर मानव रहित लेवल क्रॉसिंग को समाप्त कर दिया गया है,जिससे सुरक्षा में वृद्धि हुई है। कार्गो परिवहन को सुव्यवस्थित करने के लिए समर्पित माल गलियारों के तेजी से विकास और भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना के वर्तमान में जारी निर्माण का भी उल्लेख किया।इन प्रयासों के साथ-साथ,यात्री अनुभव को बेहतर बनाने के लिए 1,300 से अधिक रेलवे स्टेशनों का आधुनिकी करण किया जा रहा है। इन रेलवे स्टेशनों का नाम अमृत भारत स्टेशन रखा गया है और ऐसे 100 से अधिक स्टेशनों का निर्माण पूरा हो चुका है।स्थानीय कला और इतिहास के प्रदर्शन के रूप में कार्य करते हैं। उन्होंने राजस्थान के मंडलगढ़ स्टेशन सहित महत्वपूर्ण उदाहरणों पर चर्चा की जो राजपूत परंपराओं की भव्यता को दर्शाता के साथ-साथ बिहार का थावे स्टेशन,मधुबनी कलाकृति के साथ माँ थावेवाली की पवित्र उपस्थिति को दर्शाता है।मध्य प्रदेश का ओरछा रेलवे स्टेशन भगवान राम के दिव्य सार को दर्शाता है,जबकि श्रीरंगम स्टेशन का डिज़ाइन श्री रंगनाथ स्वामी मंदिर से प्रेरणा लेता है।गुजरात का डाकोर स्टेशन रणछोड़राय जी को श्रद्धांजलि देता है,तिरुवन्नामलाई स्टेशन द्रविड़ वास्तुकला सिद्धांतों का पालन करता है और बेगमपेट स्टेशन काकतीय राजवंश की वास्तुकला विरासत का प्रतीक है।ये अमृत भारत स्टेशन न केवल भारत की हजारों वर्ष पुरानी विरासत को संरक्षित करते हैं,बल्कि राज्यों में पर्यटन विकास के लिए उत्प्रेरक के रूप में भी कार्य करते हैं,जिससे युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसरों का सृजन होता है।उन्होंने लोगों से स्टेशनों की स्वच्छता और सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया।हजारों करोड़ रुपये सीधे तौर पर श्रमिकों,दुकानदारों, कारखाने के कर्मचारियों और ट्रक एवं टेम्पो ऑपरेटरों जैसे परिवहन क्षेत्रों से जुड़े लोगों को लाभ पहुंचा रहे हैं।अच्छी तरह से विकसित सड़कें और विस्तारित रेलवे नेटवर्क नए उद्योगों को आकर्षित करते हैं और पर्यटन को काफी बढ़ावा देते हैं। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे पर खर्च से अंततः हर घर को लाभ होता है, जिसमें युवा लोग उभरते आर्थिक अवसरों से सबसे अधिक लाभान्वित होते हैं।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज इसी क्रम मे चुरू- सादुलपुर रेल लाइन(58 किमी) की आधारशि स्वास्थ्य सेवाओं और पानी की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए पूरे राजस्थान में 25 महत्वपूर्ण राज्य सरकार की परियोजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन और राष्ट्र को समर्पित किया अजीत झा/ देवेन्द्र/ नई दिल्ली /ईएमएस/22/ मई /2025