राष्ट्रीय
22-May-2025


नई दिल्ली (ईएमएस)। वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने भारत की आर्थिक वृद्धि को लेकर बड़ा अनुमान जारी किया है। एजेंसी ने अगले पांच वर्षों (मध्यम अवधि) के लिए भारत की संभावित जीडीपी विकास दर का अनुमान 6.2 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.4 प्रतिशत कर दिया है। यह बदलाव भारत की श्रम शक्ति भागीदारी में हाल ही में हुई तेज वृद्धि को देखते हुए किया गया है। फिच ने बताया कि भारत की ट्रेंड ग्रोथ यानी दीर्घकालिक औसत वृद्धि दर अब 6.4 प्रतिशत मानी जा रही है। पहले यह 6.2 प्रतिशत थी। हालांकि, एजेंसी ने यह भी कहा कि टोटल-फैक्टर प्रोडक्टिविटी या मल्टी-फैक्टर उत्पादकता की गति कुछ धीमी होगी और यह अब लंबे समय के औसत 1.5 प्रतिशत के करीब बनी रहेगी। टोटल-फैक्टर प्रोडक्टिविटी का मतलब है कि जीडीपी में वृद्धि जो पूंजी और श्रमिक दोनों के अलावा होती है। फिच के अनुसार, भारत की विकास दर में यह बढ़त श्रम उत्पादकता की तुलना में श्रम इनपुट यानि कुल रोजगार से ज्यादा आ रही है। एजेंसी ने भारत में रोजगार के आंकड़ों का पुनर्मूल्यांकन करते हुए यह निष्कर्ष निकाला है। इसमें श्रम भागीदारी दर का योगदान पहले से कहीं ज्यादा माना गया है, जबकि पूंजी निवेश का योगदान कुछ कम आंका गया है। फिच ने यह भी बताया कि हाल के वर्षों में भारत की श्रम भागीदारी दर में तेजी आई है, और इससे देश की उत्पादकता में भी इजाफा होने की उम्मीद है। दूसरी ओर, फिच ने चीन की संभावित विकास दर में गिरावट का अनुमान जताया है। चीन के लिए अगले पांच वर्षों की विकास दर 4.6 प्रतिशत से घटाकर 4.3 प्रतिशत कर दी गई है। इसकी वजह वहां की पूंजी गहनता में गिरावट और श्रम भागीदारी दर में तेज कमी को माना गया है। फिच रेटिंग्स के निदेशक रॉबर्ट सिएरा ने बताया कि 10 उभरती हुई बाजार अर्थव्यवस्थाओं के लिए फिच का नया औसत अनुमान अब 3.9 प्रतिशत है, जो नवंबर 2023 में 4 प्रतिशत था। यह मुख्य रूप से चीन की सुस्त संभावनाओं की वजह से हुआ है। इस बीच, आईएमएफ की हाल की रिपोर्ट में भी भारत को दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बताया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, अगले दो वर्षों में भारत 6 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर वाला अकेला देश रहेगा, जबकि 120 से अधिक देशों के लिए आईएमएफ ने अपने विकास अनुमान घटाए हैं। सुबोध\२२\०५\२०२५