नई दिल्ली (ईएमएस)। हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (आईओआरए) मंत्रिपरिषद की 24वीं बैठक में “भावी पीढ़ी के लिए टिकाऊ हिंद महासागर” विषय के तहत पूरे क्षेत्र के उच्च-स्तरीय प्रतिनिधि एक साथ आए। बैठक आईओआरए अध्यक्ष श्रीलंका की मेजबानी में बुधवार को वर्चुअली आयोजित की गई। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सचिव (पूर्व) पी. कुमारन ने किया, जो वर्तमान उपाध्यक्ष और आईओआरए ट्रोइका के सदस्य के रूप में भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत वर्तमान में आईओआरए का उपाध्यक्ष है और ट्रोइका का हिस्सा है। भारत 2025-27 के लिए आईओआरए की अध्यक्षता ग्रहण करेगा। 24 वीं सीओएम बैठक में सभी 22 आईओआरए सदस्य राज्यों और आईओआरए के 12 संवाद भागीदारों के मंत्रियों और उच्च-स्तरीय प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक के दौरान, सदस्य राज्यों ने आईओआरए को मजबूत करने, क्षेत्रीय हित के मामलों पर चर्चा की और ‘कोलंबो विज्ञप्ति’ को अपनाया।” मंत्रालय ने बताया कि सचिव (पूर्व) पी. कुमारन ने अपने वक्तव्य में हिंद महासागर क्षेत्र के बारे में भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप हिंद महासागर के देशों की भलाई और प्रगति के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में साझा हितों के मुद्दों पर अभिसरण तक पहुंचने के लिए सदस्य देशों के बीच सहयोग, सहभागिता और ठोस प्रयास आवश्यक हैं। वहीं, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि पी. कुमारन ने हिंद महासागर क्षेत्र के दृष्टिकोण को कायम रखने के लिए भारत की मजबूत प्रतिबद्धता की पुष्टि की। सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर एक पोस्ट में जायसवाल ने कहा कि सचिव (पूर्व) पी कुमारन ने 24वीं आईओआरए मंत्रिपरिषद की बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व किया और हिंद महासागर क्षेत्र के हमारे दृष्टिकोण को बनाए रखने के लिए भारत की मजबूत प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने दोहराया कि आतंकवाद, अपने सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में, जिसमें राज्य प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद भी शामिल है, क्षेत्र की शांति, सुरक्षा और विकास के लिए एक गंभीर खतरा है, और इसकी स्पष्ट रूप से निंदा की जानी चाहिए।” सुबोध\२२\०५\२०२५