रियाद,(ईएमएस)। भारतीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने सऊदी अरब का दौरा किया और पाकिस्तान की आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियों को सामने रखने के साथ-साथ ऑपरेशन सिंदूर की आवश्यकता को भी स्पष्ट किया। यह प्रतिनिधिमंडल भाजपा सांसद बैजयंत पांडा के नेतृत्व में सऊदी अरब पहुंचा, जिसमें एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी भी शामिल हैं। जहां उन्होंने सऊदी राज्य मंत्री और कैबिनेट सदस्य अदेल बिन अहमद अल-जुबैर से मुलाकात की। चर्चा के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तान को फिर से एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में डालने के लिए सऊदी समर्थन मांगा। प्रतिनिधिमंडल ने बताया सऊदी के विदेश मंत्री के साथ बातचीत में बताया कि पाकिस्तान न केवल आतंकियों को पनाह देता है, बल्कि भारत में आतंकवाद फैलाने के लिए ड्रोन के ज़रिये हथियार और मादक पदार्थ भी भेज रहा है। प्रतिनिधिमंडल ने सऊदी विदेश मंत्री के साथ बातचीत में आतंकवाद विरोधी प्रयासों में भारत-सऊदी सहयोग पर बात की। उन्होंने बताया कि अप्रैल, 2025 में भारत आए सऊदी प्रतिनिधिमंडल के साथ हुए संयुक्त बयान में भी आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को महत्व दिया गया था। प्रतिनिधिमंडल ने सऊदी अरब की सीनियर उलेमा काउंसिल द्वारा जारी उस फतवे की भी सराहना की, जिसमें आतंकवाद को इस्लामी कानून के विरुद्ध बताया गया है। एफएटीएफ यह एक अंतर-सरकारी निकाय है जिसे 1989 में पेरिस में 1989 में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान स्थापित किया गया था। एफएटीएफ में वर्तमान में 37 सदस्य क्षेत्राधिकार और दो क्षेत्रीय संगठन (यूरोपीय आयोग व खाड़ी सहयोग परिषद) शामिल हैं। ये दुनिया के सभी हिस्सों में सबसे प्रमुख वित्तीय केंद्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं।जिन देशों को टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग का समर्थन करने के लिये सुरक्षित स्थल माना जाता है, उन्हें एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में डाल दिया गया है। इस सूची में देशों को शामिल करने अथवा हटाने के लिये एफएटीएफ इसे नियमित रूप से संशोधित करता है। फतवे में आतंकवाद के किसी भी प्रकार के वित्तपोषण को हराम और दंडनीय अपराध करार दिया गया है। ये भारत के उस रुख को समर्थन देता है कि कोई भी धर्म निर्दोष नागरिकों के खिलाफ हिंसा को उचित नहीं ठहरा सकता। प्रतिनिधिमंडल ने सऊदी सरकार को याद दिलाया कि उन्होंने 2008 के मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड अबू जुंदाल को भारत को सौंपकर आतंक के खिलाफ अपनी प्रतिबद्धता दिखाई थी। साथ ही, पाकिस्तान के उस झूठ का भी उल्लेख किया गया जिसमें उसने साजिद मीर के मारे जाने का दावा किया था, जबकि वह जीवित पाया गया। जब सऊदी पक्ष ने सुझाव दिया कि भारत को पाकिस्तान से बात करनी चाहिए, तो भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने स्पष्ट किया कि आतंकवाद पर ठोस कार्रवाई से पहले पाकिस्तान से कोई बातचीत संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि हर बार जब भारत ने पाकिस्तान से बात की, उसे नकारात्मक जवाब ही मिला। प्रतिनिधिमंडल ने रियाद स्थित अंतर्राष्ट्रीय इस्लामी सैन्य आतंकवाद विरोधी गठबंधन का भी उल्लेख किया और कहा कि सऊदी अरब को पाकिस्तान से आग्रह करना चाहिए कि वह आतंकवाद को स्पष्ट रूप से नकारे। वीरेंद्र/ईएमएस/29मई2025