राष्ट्रीय
02-Jun-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। ताजा शोध में दावा किया गया है कि एक खतरनाक फंगस एसपर्गिलस जलवायु परिवर्तन के कारण पहले से अधिक तेजी से फैल सकता है। बदलती जलवायु न केवल पर्यावरण के लिए खतरा बन रही है, बल्कि यह इंसान की सेहत पर भी गंभीर असर डाल रही है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह फंगस इंसान के शरीर को अंदर से खा सकता है और फेफड़ों समेत कई अंगों में गंभीर संक्रमण फैला सकता है। स्टडी के अनुसार, ग्लोबल वॉर्मिंग और बढ़ते तापमान के कारण यह फंगस अब केवल ट्रॉपिकल इलाकों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि उत्तरी अमेरिका, यूरोप, चीन और रूस जैसे ठंडे इलाकों में भी अपनी पकड़ बना सकता है। अनुमान है कि यदि फॉसिल फ्यूल्स का दहन यूं ही जारी रहा, तो एसपर्गिलस से जुड़ी बीमारियों के मामले 16 प्रतिशत तक बढ़ सकते हैं। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि समय रहते सावधानी नहीं बरती गई, तो यह फंगस आने वाले वर्षों में लाखों लोगों की जान का खतरा बन सकता है। स्वास्थ्य प्रणाली को इसके प्रति सतर्क रहने और फंगल इन्फेक्शन की रोकथाम के उपायों को प्राथमिकता देने की जरूरत है। छोटे माइक्रो ऑर्गेनिज्म हमारी सेहत को कितना नुकसान पहुंचा सकते हैं, यह आपने कोविड-19 महामारी के दौरान देख ही लिया। हाल ही में आई एक स्टडी इन छोटे जीवाणुओं के खतरे के बारे में आगाह कर रही है, लेकिन इस बार बात बैक्टीरिया या वायरस की नहीं, बल्कि फंगस की हो रही है। जी हां, एसपर्गिलस नाम का एक फंगस जलवायु परिवर्तन के कारण तेजी से बढ़ सकता है, जो आने वाले समय में लाखों लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार हो सकता है। आमतौर पर यह फंगस, ट्रॉपिकल क्षेत्रों में बढ़ता है। इसलिए अगर हम इसी तरह फॉसिल फ्यूल्स को जलाते रहेंगे, तो आने वाले सालों में यह फंगस 16 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। इस स्टडी में बताया गया कि धरती का तापमान धीरे-धीरे बढ़ रहा है। इसके कारण एस्परगिलस, जो इंसानों में इन्फेक्शन फैलाने वाला एक फंगस है, लाखों लोगों की मौत का कारण बन सकता है। साथ ही, तापमान बढ़ने की वजह से यह फंगस नए इलाकों, जैसे उत्तरी अमेरिका, यूरोप, चीन और रूस में भी फैल सकता है। सुदामा/ईएमएस 02 जून 2025