व्यापार
03-Jun-2025


- लंबित जीएसटी नोटिस के बढ़ सकते हैं मामले नई दिल्ली (ईएमएस)। आगामी 56वीं जीएसटी परिषद की बैठक में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद के एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने ब्रोकरों, एजेंटों और डिजिटल प्लेटफॉर्म सहित प्रमुख मध्यस्थों को निर्यातकों के रूप में पुनर्वर्गीकृत करने और उनकी सेवाओं को शून्य-रेटेड दर्जा देने के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने की उम्मीद जताई। इस कदम का मकसद ऐसी इकाइयों पर 18 प्रतिशत जीएसटी का बोझ कम करना है। विधि समिति की मंजूरी के बाद इस प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी के लिए पेश किया जा सकता है। इस सुधार से अनुमानित 3,357 करोड़ रुपये के कारण लंबित जीएसटी नोटिस के मामले में तेजी आ सकती है। कर विशेषज्ञों ने इसे भारत के कानून के अनुसार संधान समृद्धि और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए महत्वपूर्ण माना। इस सुधार द्वारा, भारतीय मध्यस्थों को विदेशी क्लाइंटों के साथ स्मूथ व्यापार करने के लिए एकसमान अवसर मिलेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी जीएसटी परिषद की बैठक में राज्यों से आग्रह कर सकती हैं कि वे जीएसटी पंजीकरण की प्रक्रिया को केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड द्वारा जारी किए गए सुव्यवस्थित मानदंडों के अनुसार बनाएं ताकि एक नए दौर का आरंभ हो सके, जो भारतीय व्यापारियों के लिए संजीवनी साबित हो सकता है। सतीश मोरे/03जून ---