लंदन (ईएमएस)। वैज्ञानिकों ने पुरुषों की निसंतानता के उपचार में एक बड़ी वैज्ञानिक उपलब्धि हासिल करने का दावा किया है। आयरलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ लिमरिक (यूएल) के शोधकर्ताओं ने प्रयोगशाला में पुरुष प्रजनन अंग की कोशिकाओं से शुक्राणु बनाने की तकनीक विकसित की है, जो भविष्य में प्राकृतिक रूप से संतान प्राप्ति की दिशा में एक बड़ा बदलाव ला सकती है। रिसर्च टीम ने प्रीक्लिनिकल मॉडल के माध्यम से चूहे की कोशिकाओं से सफलतापूर्वक शुक्राणु तैयार किए हैं। यह अब तक का एक बेहद अहम कदम है, हालांकि मानव कोशिकाओं पर यह प्रयोग अभी जारी है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह तकनीकी चुनौती भी शीघ्र ही पार कर ली जाएगी, जिसमें मैकेनिकल इंजीनियरिंग और मटेरियल साइंस की प्रमुख भूमिका होगी। पिछले कुछ दशकों में पुरुषों में प्रजनन क्षमता में भारी गिरावट दर्ज की गई है। शोधकर्ताओं के अनुसार इसके प्रमुख कारणों में असंतुलित जीवनशैली, अत्यधिक तनाव, हार्मोनल असंतुलन, प्लास्टिक और कीटनाशकों का अधिक उपयोग, दर्द निवारक दवाओं की लत और सौंदर्य प्रसाधनों का लगातार प्रयोग शामिल हैं। इन सब कारकों ने पुरुषों की फर्टिलिटी को गंभीर रूप से प्रभावित किया है, जिससे लाखों दंपतियों को संतान सुख से वंचित रहना पड़ा है। वर्तमान में पुरुषों की इन्फर्टिलिटी के इलाज के तौर पर सर्जरी या स्पर्म डोनेशन जैसे विकल्प मौजूद हैं, लेकिन सर्जरी में सफलता की दर बेहद कम होती है और स्पर्म डोनेशन एक भावनात्मक रूप से जटिल निर्णय बन जाता है। ऐसे में यदि लैब में तैयार किया गया शुक्राणु मानव कोशिकाओं पर भी उतनी ही सफलता से काम करता है, तो यह तकनीक न केवल चिकित्सा विज्ञान में क्रांति ला सकती है बल्कि दुनिया भर में लाखों निसंतान दंपतियों की उम्मीद बन सकती है। सुदामा/ईएमएस 05 जून 2025