राज्य
05-Jun-2025
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इन्दौर (ईएमएस) अपने बयानों, भाषणों और वक्तव्यों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाले केबिनेट मंत्री और इन्दौर विधानसभा क्षेत्र क्रमांक एक से विधायक कैलाश विजयवर्गीय का भाषण एक बार फिर सुर्खियों में है। कैलाश विजयवर्गीय ने अपने भाषण में कहा कि उनको कम कपड़े पहनने वाली लड़कियां अच्छी नहीं लगती हैं। केबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर के नेहरू पार्क स्थित सिंदूर वाटिका में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान अपने भाषण में उक्त बात कही। यही नहीं उन्होंने अन्य नेताओं तथा अफसरों की कार्य प्रणाली पर भी चर्चा करते उनसे सीखने की इच्छा अपने भाषण में जताई। सिंदूर वाटिका में आयोजित इस पौधारोपण के कार्यक्रम में कैलाश विजयवर्गीय के साथ महापौर पुष्यमित्र भार्गव भी थे उन्होंने एक पेड़ मां के नाम अभियान की शुरुआत की। कार्यक्रम में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने अपने भाषण में भाजपा नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा के भाषण पर कहा कि सुमित ने आज बोला कि आज मेरी जिंदगी का सबसे छोटा भाषण है। बहुत सुंदर भाषण दिया है। हमेशा छोटा भाषण देना चाहिए। एक पाश्चात कहावत है, जो अच्छी नहीं है। विदेशों में इस कहावत की चर्चा होती है। हमारे यहां क्या है कि अच्छा पहने लड़की, अच्छा श्रृंगार करें, खूब अच्छे गहने पहने, सुंदर कपड़े पहने। उसे बहुत अच्छा मानते हैं लेकिन विदेश में जो कम कपड़े पहनती हैं उसको अच्छा मानते है। ये उनकी सोच है। ऐसा कहते हैं कि कम कपड़े पहनने वाली लड़की, जिस प्रकार सुंदर होती है। उसी प्रकार कम भाषण देने वाला नेता भी बहुत बढ़िया होता है। ऐसी ये कहावत है विदेश में। मैं इसका पालन नहीं करता हूं। मैं तो इसको नहीं मानता हूं। मैं तो ये मानता हूं कि हमारे यहां महिलाएं देवी का स्वरूप हैं, खूब अच्छे कपड़े पहने। मुझे तो कम कपड़े वाली अच्छी नहीं लगती हैं। कई बार सेल्फी लेने आती हैं तो मैं कहता हूं कि बेटा अच्छे कपड़े पहनकर आना फिर सेल्फी खिंचवाना। मैं सेल्फी के लिए मना कर देता हूं। कैलाश विजयवर्गीय ने इसके साथ ही कमिश्नर की काम करने की स्टाइल बताते हुए अपने भाषण में कहा कि हमारे कमिश्नर साहब से भी सीखता हूं। मगर मैं पालन नहीं कर पा रहा हूं। फोन करों तो जी सर, यस सर काम हो या नहीं, पर हां तो कर ही देंगे। मुझसे ये हो नहीं रहा हैं, मैं भी ये सीखना चाहता हूं कि मैं भी ऐसा करूं। भाई ये काम करना, यस कर देंगे सर...। ये सीखने की कोशिश कर रहा हूं। सीख गया तो इनको धन्यवाद दूंगा। आनन्द पुरोहित/ 05 जून 2025