07-Jun-2025
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- बचपन के दोस्तों ने मिलकर बुजुर्ग पर किया हमला कसारगोड (ईएमएस)। केरल के कसारगोड जिले के मलोम कस्बे में एक ऐसी हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जिसने लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि वक्त चाहे जितना भी गुजर जाए, कुछ जख्म ऐसे होते है जो शायद कभी नहीं भरते। यहां 62 वर्षीय वी जे बाबू पर उन्हीं के दो पुराने दोस्तों ने जानलेवा हमला कर दिया। खास बात यह है कि ये हमलावर कोई बाहरी नहीं, बल्कि बाबू के स्कूल के साथी थे, जिनके साथ उन्होंने चौथी कक्षा में पढ़ाई की थी। हमलावरों की पहचान मालोथे बालकृष्णन और मैथ्यू वलियप्लक्कल के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि इन तीनों की दोस्ती चौथी कक्षा के दिनों की है, लेकिन उसी दौरान हुई एक मामूली कहासुनी इन हमलावरों के मन में इतनी गहराई तक बैठ गई कि वे उसे 52 साल बाद भी नहीं भूल पाए। घटना उस समय हुई जब बाबू मलोम के एक होटल के बाहर खड़े थे। तभी बालकृष्णन और मैथ्यू वहां पहुंचे और बिना किसी चेतावनी के बाबू पर हमला कर दिया। उन्होंने मिलकर बाबू की बेरहमी से पिटाई की, जिससे उनके दो दांत टूट गए और चेहरा व पीठ गंभीर रूप से जख्मी हो गए। बाबू को पहले नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन हालत बिगड़ने पर उन्हें एक बड़े अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। स्थानीय लोगों के अनुसार तीनों एक ही मोहल्ले में रहते थे और सालों तक अच्छे दोस्त रहे। इसलिए जब यह हमला हुआ, तो पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। लोगों को यह जानकर और भी हैरानी हुई कि हमले की वजह सिर्फ बचपन की एक मामूली झड़प थी, जिसे हमलावर अब तक भूल नहीं पाए थे। हमले के बाद बाबू ने मामला सुलझाने की कोशिश की और हमलावरों से 1.5 लाख के मुआवजे की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर यह राशि दी जाती है तो वे कोर्ट नहीं जाएंगे। हालांकि, पुलिस ने इस मामले को गंभीर मानते हुए खुद ही कार्रवाई शुरू कर दी। दोनों हमलावरों के खिलाफ गैरकानूनी तरीके से रोकने और जानबूझकर चोट पहुंचाने की धाराओं में केस दर्ज किया गया है। यह घटना यह दिखाती है कि समय चाहे कितना भी बीत जाए, अगर पुरानी रंजिशों को मन में पाले रखा जाए तो वह कभी भी हिंसा का रूप ले सकती है और इसका अंजाम अक्सर दर्दनाक ही होता है। डेविड/ईएमएस 07 जून 2025