लंदन (ईएमएस)। प्रकृति के बीच समय बिताने से पुराने पीठ दर्द में काफी हद तक राहत मिल सकती है। यह दावा किया है एक ताजा शोध में। ब्रिटेन के प्लायमाउथ विश्वविद्यालय द्वारा किए गए इस अध्ययन में बताया गया है कि जो लोग जंगल या किसी प्राकृतिक वातावरण में समय बिताते हैं, उन्हें न केवल अपने शारीरिक दर्द से राहत मिलती है बल्कि मानसिक तनाव और चिंता से भी छुटकारा मिलता है। इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने 10 ऐसे लोगों का साक्षात्कार लिया जो कई वर्षों से पीठ दर्द से जूझ रहे थे। इनमें से कुछ मरीज ऐसे भी थे जिन्हें यह समस्या चार दशकों से थी। जब उनसे पूछा गया कि वे अपने दर्द को कम करने के लिए क्या उपाय करते हैं, तो कई प्रतिभागियों ने बताया कि प्रकृति में समय बिताना उन्हें बेहद सुकून देता है। वे पेड़-पौधों के बीच टहलते हैं, ताजी हवा का आनंद लेते हैं और बहते पानी की आवाज से मानसिक शांति महसूस करते हैं। इससे उन्हें घर के बंद माहौल से बाहर निकलने और अकेलेपन से बचने का मौका भी मिलता है। शोध में शामिल लोगों ने यह भी बताया कि बाहर टहलने से उन्हें व्यायाम करने में आसानी होती है और यह उन्हें किसी जिम या व्यायामशाला से ज्यादा पसंद आता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि लंबे समय से चले आ रहे पुराने पीठ दर्द के इलाज में यह एक प्रभावी और सहज उपाय हो सकता है। शोधकर्ताओं ने सुझाव दिया है कि स्वास्थ्य सेवाओं और डॉक्टरों को ऐसे मरीजों को प्रकृति आधारित समाधान अपनाने के लिए प्रेरित करना चाहिए। इसके लिए शहरों और गांवों में बेहतर पैदल रास्ते, आरामदायक बैठने की जगहें और जरूरत पड़ने पर वर्चुअल रियलिटी जैसी तकनीकें भी उपयोग में लाई जा सकती हैं, जिससे अधिक लोगों तक इस लाभ को पहुंचाया जा सके। अध्ययन के मुख्य लेखक अलेक्जेंडर स्मिथ ने कहा कि पुराने पीठ दर्द से पीड़ित लोग अक्सर सामाजिक रूप से अलग-थलग पड़ जाते हैं और मानसिक रूप से भी थक जाते हैं। ऐसे में प्राकृतिक वातावरण न केवल उन्हें राहत देता है, बल्कि उनके मानसिक स्वास्थ्य में भी सकारात्मक बदलाव लाता है। सुदामा/ईएमएस 10 जून 2025