तेलअवीव(ईएमएस)। इजरायल ने ईरान के कई परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया गया। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का कहना है कि यह हमला इजरायल को ईरानी खतरे से बचाने के लिए किया गया था। इस दौरान उन्होंने परमाणु बमों का जिक्र किया। साथ ही कहा है कि ईरान हजारों मिसाइलें तैयार कर रहा है। फिलहाल, यह साफ नहीं है कि इस हमले से ईरान को कितना नुकसान हुआ। नेतन्याहू ने कहा, हमने ईरान के परमाणु कार्यक्रम के केंद्र पर हमला किया है। हमने ईरान के प्रमुख केंद्र नातान्ज में हमला किया है। हमने ईरान के परमाणु हथियार परियोजना में लगे वैज्ञानिकों को भी निशाना बनाया है। इसके साथ हमने ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम पर भी हमला किया है। बीते साल ईरान ने इजरायल पर 300 बैलिस्टिक मिसाइल दागी थीं। हर मिसाइल में कई टन विस्फोटक था और जल्द ही ये मिसाइलें परमाणु लेकर हमला कर सकती हैं, जिसके करोड़ों लोगों की जान पर खतरा हो सकता है। ईरान 3 सालों में हजारों मिसाइलें तैयार करने की योजना बना रहा है। उन्होंने कहा, अब कल्पना कीजिए कि 10 हजार टन टीएनटी न्यू जर्सी के आकार के मुल्क पर गिरेगा। यह अस्वीकार्य खतरा है। इसे रोका जाना जरूरी है। ईरान अब इजरायल को तबाह करने के लिए काम कर रहा है, जिसे वह नया प्लान बताता है। पुराना प्लान फेल हो गया। ईरान और उसके सहयोगियों ने रिंग ऑफ फायर के जरिए इजरायल को घेरने की कोशिश की और 7 अक्टूबर को हमला करा दिया...। हमने हमास को कुचल दिया...। एयर स्ट्राइक के बाद नेतन्याहू ने देश को संबोधित किया। स्थानीय मीडिया के अनुसार, उन्होंने कहा, दशकों से तेहरान के नेता खुलकर इजरायल के विनाश की बात कर रहे हैं। उन्होंने परमाणु हथियार कार्यक्रमों का समर्थन कर नरसंहार से जुड़े बयान दिए हैं। हाल के वर्षों में ईरान ने 9 एटम बम के लिए यूरेनियम का उत्पादन कर लिया है। उससे भी ज्यादा चिंताजनक यह है कि ईरान ने इस यूरेनियम को हथियार बनाने के लिए अभूतपूर्व कदम उठाए हैं। उन्होंने आगे कहा, अगर इसे नहीं रोका गया, तो ईरान बहुत ही कम समय में परमाणु हथियार तैयार कर लेगा। यह इजरायल के अस्तित्व के लिए स्पष्ट और मौजूदा खतरा है। इजरायल ने ईरान के खिलाफ शुरू हुए इस ऑपरेशन को ऑपरेशन राइजिंग लॉयन नाम दिया है। इजरायली प्रधानमंत्री का कहना है कि जब तक खतरे को पूरी तरह से खत्म नहीं कर दिया जाता, तब तक ऑपरेशन जारी रहेगा। वीरेंद्र/ईएमएस/13जून2025