ग्रामीणों को फिर मिला ८ दिन का समय, प्रशासन ने नहीं निकाला हल छिंदवाड़ा/सौंसर (ईएमएस) । औद्योगिक क्षेत्र बोरगांव की कंपनियों द्वारा लगातार केमिकल युक्त जहरीला बदबूदार पानी छोड़े जाने के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है। इस मामले को लेकर जबलपुर एक्सप्रेस ने रविवार को बोरगांव औद्योगिक क्षेत्र की कंपनियों का जहरीला सच नामक शीर्षक से उक्त खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। खबर प्रकाशन के बाद एसडीएम सौंसर सिद्धार्थ पटेल ने अपने कार्यालय में कंपनियों के संचालकों, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों और ग्रामीणों की बैठक बुलाई, लेकिन यह बैठक महज औपचारिकता ही साबित हुई। बैठक में ऐसे कोई ठोस निर्णय नहीं लिए गए, जिससे ग्रामीणों को तत्काल कोई राहत मिल सके। अभी भी ग्रामीण बदबूदार पानी और बीमारियों से जूझ रहे हैं। बैठक में मौजूद जनपद पंचायत सदस्य विल्सन मैन्युअल और स्थानीय नागरिक शिोकर खरपुरिया द्वारा मामले को लेकर अधिकारियों पर जमकर भड़ास निकाली। बैठक में एसडीएम सिद्धार्थ पटेल, बोरगांव इंडस्ट्रियल एसोसिएशन अध्यक्ष जोतेंद्र पटेल, लघुभारती सेवा सचिव वामन ठोबरे, गोलू ताजने, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहायक यंत्री अरूण तिवारी मध्य प्रदेश औद्योगिक निगम के राजेश गुर्जर मौजूद रहे। ग्रामीण बोले गुलशन कंपनी से निकल रहा बदबूदार गंदा पानी बैठक के दौरान जनपद पंचायत सदस्य विल्सन मैन्युअल, किशोर खरपुरिया ने बताया कि औद्योगिक क्षेत्र की कंपनियों से निकल रहे केमिकल युक्त पानी और गंदी बदबू से लगभग 10 गांव के ग्रामीण परेशान हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि गुलशन पॉलीमर और एविजे कंपनी से बड़े पैमाने पर केमिकल युक्त पानी छोड़ा जा रहा है। इसकी बदबू से औद्योगिक क्षेत्र के ग्रामीण परेशान है। अधिकारी स्वयं आकर यहां 10 मिनिट आकर रुककर बता दे, कंपनियों से निकलने वाले केमिकल युक्त पानी के कारण बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। यदि प्रशासन ने व्यवस्था नही बनाई तो वे नाले को ही बंद कर देंगे। फिर थमाया आश्वासन का झुनझुना बैठक में अधिकारियों ने कहा कि केमिकल युक्त जो पानी आ रहा है उसकी जांच की जाएगी और गंदगी साफ कराई जाएगी। वहीं कंपनियों से निकलने वाले केमिकल युक्त पानी को प्राइवेट लैब में चेक कराया जाएगा। कंपनियों से जुड़े हुए पदाधिकारी ने कहा कि सभी कंपनियों से दूषित पानी नहीं निकलता है। दूषित पानी सिर्फ तीन या चार कंपनियों से निकल रहा है प्रशासन ने ऐसी कंपनियों को तुरंत चिन्हित करते हुए कार्रवाही करनी चाहिए, इधर प्रशासन ने समस्या का समाधान करने के लिए 8 दिन का समय दिया गया है। ईएमएस/मोहने/ 17 जून 2025