नई दिल्ली (ईएमएस)। आयुर्वेद में कीवी को शीत फल की श्रेणी में रखा गया है, जो शरीर की गर्मी को संतुलित करता है और खून को शुद्ध करने में सहायक होता है। कीवी एक स्वादिष्ट और पौष्टिक फल है, जो साल भर बाजार में आसानी से उपलब्ध रहता है। बाहर से भूरे रंग की खुरदरी त्वचा और अंदर से हरे रंग का यह फल न केवल देखने में आकर्षक होता है, बल्कि सेहत के लिए भी बेहद लाभकारी है। खासकर गर्मियों में इसका सेवन शरीर को ठंडक प्रदान करता है और पाचन को बेहतर बनाता है। इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन-सी और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं। गर्मी के मौसम में जब इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है, ऐसे में कीवी एक बेहतरीन विकल्प बन सकता है। चिकित्सकीय दृष्टिकोण से भी कीवी अत्यंत लाभकारी है। हृदय रोगियों के लिए यह फल खास उपयोगी माना गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर लगातार 28 दिन तक कीवी का सेवन किया जाए, तो प्लेटलेट्स की सक्रियता, ब्लड प्रेशर और प्लाज्मा लिपिड के स्तर में संतुलन लाया जा सकता है। हालांकि, जो लोग पहले से हृदय रोग की दवाएं ले रहे हैं, उन्हें डॉक्टर की सलाह से ही इसका सेवन करना चाहिए। कीवी में मौजूद लैक्सेटिव गुण पाचन क्रिया को बेहतर बनाते हैं और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाते हैं। वहीं इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स ल्यूटिन और ज़ेक्सैंथिन आंखों की सेहत को बनाए रखने में मदद करते हैं। साथ ही कीवी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे यह ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में मददगार है। इसलिए टाइप 2 डायबिटीज के मरीज भी इसे सुरक्षित रूप से अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। कुल मिलाकर, कीवी न केवल स्वाद में उम्दा है, बल्कि सेहत के लिए भी बहुआयामी फायदे देता है।नियमित रूप से एक कीवी खाने से दृष्टि संबंधित समस्याओं की आशंका कम हो सकती है। जो लोग वजन कम करना चाहते हैं, उनके लिए भी कीवी एक उपयुक्त विकल्प है। इसमें फाइबर अधिक और कैलोरी कम होती है, जिससे यह वजन नियंत्रण में मदद करता है। सुदामा/ईएमएस 20 जून 2025