तेहरान,(ईएमएस)। इजराइल वर्षों से ईरान के परमाणु वैज्ञानिकों को निशाना बनाता रहा है, ताकि ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोका जा सके। लेकिन अब इजराइल के वैज्ञानिक भी ईरान के निशाने पर आ गए हैं। दोनों ओर से जारी हमलों के बीच ईरान की मिसाइल ने इजराइल के प्रमुख शोध संस्थान पर हमला किया है। हमले में हालांकि किसी की मौत नहीं हुई, लेकिन इससे परिसर में स्थित कई प्रयोगशालाओं को भारी क्षति पहुंची है जिससे वर्षों से जारी शोध कार्य प्रभावित हुए हैं और इजराइली वैज्ञानिकों को यह भयावह संदेश गया है कि ईरान के साथ बढ़ते संघर्ष में अब वे एवं उनके शोध कार्य भी निशाने पर आ गए हैं। आणविक कोशिका जीव विज्ञान विभाग और आणविक तंत्रिका विज्ञान विभाग के प्रोफेसर ओरेन शुल्डिनर की प्रयोगशाला इस हमले में नष्ट हो गई। उन्होंने कहा, ‘‘यह ईरान के लिए एक नैतिक जीत है। वे इजराइल में विज्ञान के क्षेत्र के प्रमुख संस्थान को नुकसान पहुंचाने में कामयाब रहे।’’ ‘वीजमैन विज्ञान संस्थान’ की स्थापना 1934 में हुई थी और बाद में इसका नाम बदलकर इजराइल के पहले राष्ट्रपति के नाम पर वीजमैन रख दिया गया। यह दुनिया के शीर्ष शोध संस्थानों में शुमार है। इसके वैज्ञानिक और शोधकर्ता हर साल सैकड़ों अध्ययन प्रकाशित करते हैं। रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार और तीन ट्यूरिंग पुरस्कार इस संस्थान से जुड़े वैज्ञानिकों के नाम हैं। इस संस्थान ने 1954 में इजराइल में पहला कंप्यूटर बनाया था। संस्थान के अनुसार, हमले में दो इमारतें क्षतिग्रस्त हुईं, जिसमें से एक में जीवन विज्ञान प्रयोगशालाएं थीं और दूसरी इमारत खाली एवं निर्माणाधीन थी। यह रसायन विज्ञान के अध्ययन के लिए थी। दर्जनों अन्य इमारतें क्षतिग्रस्त हुईं। परिसर को हमले के बाद से बंद कर दिया गया है। आशीष दुबे / 20 जून 2025