अंतर्राष्ट्रीय
20-Jun-2025


एक-दूसरे पर बरसाई जा रही मिसाइलें, विस्तारवादी नीति के कारण अलग-थलग पड़े अमेरिका-इजराइल मिडिल-ईस्ट की जंग: अमेरिका-इजराइल बनाम ऑल तेहरान/तेल अवीव(ईएमएस)। मिडिल-ईस्ट में इजराइल और ईराक के बीच जंग खतरनाक मोड़ पर पहुंच गई है। दोनों देश एक-दूसरे पर मिसाइलें बरसा रहे हैं। इससे दोनों देशों में काफी नुकसान हो रहा है। उधर अमेरिका की विस्तारवादी नीति के कारण अमेरिका और इजराइल अलग-थलग पड़ गए हैं। जिस तरह अमेरिका के संरक्षण में इजराइल लगातार मिडिल ईस्ट में जंग कर रहा है उससे हालात इस कदर गंभीर हो गए हैं कि मिडिल-ईस्ट की जंग अमेरिका-इजराइल बनाम ऑल हो गई है। ईरान के समर्थन में इस्लामिक देशों के साथ ही रूस, चीन और उतर कोरिया भी आ गए हैं। ईरान ने इजराइल के बीर्शेबा शहर पर शुक्रवार सुबह बैलिस्टिक मिसाइल से हमला किया। मिसाइल माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस के नजदीक गिरी। इससे कई कारों में आग लग गई। आस-पास के घरों को भी नुकसान पहुंचा। इसमें 6 लोग घायल हो गए हैं। यह लगातार दूसरा दिन है, जब बीर्शेबा शहर पर मिसाइल हमला हुआ है। इससे पहले गुरुवार को भी ईरान ने बीर्शेबा के एक अस्पताल पर मिसाइल दागी थी, जिसमें 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। अमेरिका का मानना है कि ईरान अब परमाणु हथियार बनाने की पूरी क्षमता रखता है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि अगर ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई आदेश दे दें, तो ईरान कुछ ही हफ्तों में परमाणु बम बना सकता है। लेविट ने कहा कि ईरान के पास परमाणु हथियार बनाने के लिए जरूरी हर चीज मौजूद है। अब बस उन्हें अपने नेता के हां कहने भर की देर है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर ईरान ऐसा करता है, तो इससे सिर्फ इजराइल नहीं, बल्कि अमेरिका और पूरी दुनिया की सुरक्षा को खतरा होगा। 8 दिन की लड़ाई में अब तक इजराइल के 24 लोग मारे गए हैं, जबकि 600 से ज्यादा लोग घायल हैं। वहीं, वॉशिंगटन स्थित एक ह्यूमन राइट्स ग्रुप ने दावा किया है कि ईरान में मौत का आंकड़ा अब 657 हो चुका है और 2,037 लोग घायल हैं। ईरान में मोसाद एजेंट गिरफ्तार ईरान ने अपने एयर डिफेंस से जुड़ी खुफिया जानकारी इजराइल को भेजने के आरोप में मोसाद एजेंट को गिरफ्तार किया है। सरकारी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपी व्हाट्सएप के जरिए ईरानी एयर डिफेंस से जुड़े ठिकानों के बारे में इजराइल को जानकारी भेज रहा था। ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि इजराइल ने शुक्रवार सुबह राजधानी तेहरान में एक अस्पताल पर बमबारी की। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, इजराइल 13 जून से जंग शुरू होने के बाद अब तक तीन ईरानी अस्पतालों पर हमला कर चुका है। छह एम्बुलेंस और एक स्वास्थ्य सेवा केंद्र पर भी हमला किया गया है। ईरान ने गुरुवार को इजराइल के सबसे बड़े अस्पतालों में शामिल बीर्शेबा के सोरोका मेडिकल सेंटर पर मिसाइल से हमला किया था। हमले के समय अस्पताल में लगभग 700 मरीजों का इलाज चल रहा था। इसमें दर्जनों मरीज और स्वास्थ्यकर्मी घायल हो गए। अस्पताल की बिल्डिंग को भी काफी नुकसान पहुंचा। आर्थिक संकट में फंसा अमेरिका अमेरिका का कर्ज हर साल तेजी से बढ़ता जा रहा है। अब अमेरिका पर राष्ट्रीय कर्ज 37 ट्रिलियन डॉलर को पार कर गया है, जिससे अमेरिका में चिंता की लहर दौड़ गई है। हर साल सिर्फ ब्याज चुकाने की लागत 1 ट्रिलियन डॉलर के करीब बढ़ रही है। ऐसा कहा जा रहा है कि अगर लोन कुछ समय तक ऐसे ही बढ़ता रहा तो अमेरिका का बजट भी प्रभावित हो सकता है और अमेरिका की ग्रोथ थम सकती है। 20 जून तक अमेरिकी सरकार पर इतना कर्ज है, जितना पूरी अर्थव्यवस्था एक साल में बढ़ती है। कांग्रेस के बजट कार्यालय का अनुमान है कि बड़े सुधारों के बिना, 2055 तक कर्ज जीडीपी के 156 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा। वर्तमान स्तर पर, 2 ट्रिलियन डॉलर का सालाना घाटा, कर्ज में बढ़ोतरी को बढ़ावा दे रहा है, जिसे बढ़ते खर्च और स्थिर राजस्व वृद्धि से बढ़ावा मिल रहा है। रिस्क सिर्फ बजट में कटौती का नहीं है। इकोनॉमिस्ट की चेतावनी है कि इस लोन से प्राइवेट निवेश में कमी आ सकती है और उधार लेने की लागत बढ़ सकती है और आर्थिक विकास में बाधा आ सकती है। सीबीओ का अनुमान है कि अगर लोन का बोझ कंट्रोल नहीं किया गया तो अगले दशक में जीडीपी में 340 अरब डॉलर की कमी आ सकती है। इससे संभावित 1.2 मिलियन नौकरियां खत्म हो सकती हैं और सभी सेक्टर्स में वेतन बढ़ोतरी धीमी हो सकती है। जंग में हर दिन 6000 करोड़ खर्च कर रहा इजराइल ईरान और इजराइल के बीच जारी संघर्ष सिर्फ सैन्य नहीं, अब आर्थिक संकट में भी बदलता जा रहा है। पूर्व इजराइली रक्षा सलाहकार ब्रिगेडियर जनरल (रि.) रेएम अमीनाच के मुताबिक, इजराइल का रोजाना युद्ध लडऩे में 725 मिलियन डॉलर (करीब 6,000 करोड़) खर्च हो रहा है। इसमें केवल मिसाइल, जेट ईंधन, बमबारी और सैनिक तैनाती जैसे सीधे खर्च शामिल हैं। पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर को हुए नुकसान और प्रोडक्टिविटी में गिरावट को भी जोड़ा जाए, तो असल खर्च इससे कहीं ज्यादा हो सकता है। इजराइली वित्त मंत्रालय ने 2025 में जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान 4.3 प्रतिशत से घटाकर 3.6 प्रतिशत कर दिया है। वहीं, 2025 में पहले से तय बजट घाटे की सीमा 4.9 प्रतिशत से बढ़ सकती है। बजट घाटा बढऩे और जीडीपी गिरने का अनुमान इजराइल के वित्त मंत्रालय ने 2025 के लिए जो बजट घाटे की सीमा तय की थी, वह जीडीपी का 4.9 प्रतिशत यानी लगभग 27.6 अरब डॉलर थी। लेकिन यह अनुमान ईरान के साथ नया युद्ध शुरू होने से पहले का था। अब इजराइल का बजट घाटा और बढ़ सकता है। वहीं, इजराइल का रक्षा बजट पहले ही गाजा युद्ध में काफी खर्च हो चुका है। इसी वजह से वित्त मंत्रालय ने 2025 में जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान 4.3 प्रतिशत से घटाकर 3.6 प्रतिशत कर दिया है। इजराइल को अमेरिका का सहारा इस युद्ध में अब तक ईरान 400 से अधिक मिसाइलें दाग चुका है, जबकि इजराइल ने 120 लॉन्चर तबाह करने का दावा किया है। इजराइल की मिसाइल डिफेंस सिस्टम भी अब थकने लगे हैं। अमेरिका से नए डिफेंस सिस्टम मिलने की उम्मीद की जा रही है। साथ ही इजराइल अमेरिका से मिलने वाले फंड को बढ़ाने की भी मांग कर सकता है। फायर पावर वेबसाइट के अनुसार अमेरिका हर साल इजराइल को आयरन डोम और एयरो डिफेंस सिस्टम के लिए 4500 करोड़ रुपए की मदद देता है।अमेरिका की ओर से इजराइल को हर साल सैन्य मदद के रूप में लगभग 30 हजार करोड़ रुपए अलग से दिए जाते हैं। इस मदद को ‘इजराइल फंड’ कहा जाता है। विनोद उपाध्याय / 20 जून, 2025