ज़रा हटके
22-Jun-2025
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लंदन (ईएमएस)। दक्षिण अफ्रीका में सत्य और अहिंसा के प्रयोग के बाद महात्मा गांधी ने भारत में कई आंदोलनों का सफलतापूर्वक संचालन किया। गांधी ने 1931 में अपनी इंग्लैंड यात्रा के दौरान वहां के भी समाज को झकझोर दिया। राष्ट्रपिता बापू से प्रभावित होने वालों में महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टाइन भी थे। आइंस्टाइन ने 1931 में महात्मा गांधी को चिट्ठी लिखी, आपने अपने कार्यों के द्वारा दिखाया है कि हिंसा के बिना भी सफल होना संभव है, यहां तक कि उन लोगों के साथ भी जिन्होंने हिंसा का तरीका नहीं छोड़ा है। हम आशा कर सकते हैं कि आपका उदाहरण आपके देश की सीमाओं से परे फैलेगा और एक अंतरराष्ट्रीय प्राधिकरण की स्थापना में मदद करेगा, जिसका सभी द्वारा सम्मान किया जाएगा। आइंस्टाइन ने पत्र में उम्मीद जाहिर की थी कि किसी दिन वे गांधी से मिल पाएंगे। बापू ने पत्र का जवाब 18 अक्टूबर 1931 को दिया। उन्होंने लिखा था, यह मेरे लिए बहुत बड़ी सांत्वना है कि मैं जो काम कर रहा हूं, वहां आपकी नजर में अच्छा है। मैं वास्तव में चाहता हूं कि हम आमने-सामने मिलें और वह भी भारत में मेरे आश्रम में।’ सन 1939 में आइंस्टाइन ने लिखा कि गांधी की जीवन उपलब्धियां राजनीतिक इतिहास में अद्वितीय हैं। उन्होंने एक उत्पीड़ित देश के मुक्ति संग्राम के लिए एक बिल्कुल नया और मानवीय साधन ईजाद किया और पूरी ऊर्जा और निष्ठा के साथ लागू किया। इसके बाद साल 1944 में आइंस्टाइन ने फिर से महात्मा गांधी को लेकर लिखा, अपने लोगों का एक नेता, किसी बाहरी अधिकार द्वारा समर्थित नहीं, एक राजनेता जिसकी सफलता न शिल्पकला पर और न ही तकनीकी उपकरणों की महारत पर निर्भर करती है, बल्कि केवल उसके व्यक्तित्व की दृढ़ शक्ति पर निर्भर करती है, एक विजयी योद्धा जिसने हमेशा बल के प्रयोग का तिरस्कार किया है। ज्ञान और विनम्रता का एक व्यक्ति, जो दृढ़ संकल्प और अडिग स्थिरता से लैस है, जिसने अपनी सारी शक्ति अपने लोगों के उत्थान और उनके भाग्य को बेहतर बनाने के लिए समर्पित कर दी है। गांधी की हत्या से आइंस्टाइन को बहुत दुख पहुंचा था। 1948 में उन्होंने कहा कि मानव जाति के बेहतर भविष्य के बारे में चिंतित हर व्यक्ति को महात्मा गांधी की दुखद मौत से बहुत दुख हुआ होगा। वह अपने ही सिद्धांत, अहिंसा के सिद्धांत का शिकार होकर मर गए। उनकी मृत्यु इसलिए हुई क्योंकि अपने देश में अव्यवस्था और सामान्य अशांति के समय उन्होंने किसी भी व्यक्तिगत सशस्त्र सुरक्षा से इनकार कर दिया। आशीष/ईएमएस 22 जून 2025