-वैज्ञानिकों ने की रोबोटिक स्किन तैयार, 8.6 लाख सेंसर्स लगाए लंदन,(ईएमएस)। कैम्ब्रिज और लंदन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी रोबोटिक स्किन तैयार की है, जिससे अब रोबोट भी इंसानों की तरह दर्द महसूस कर सकेंगे। इस नई तकनीक से लैस रोबोट अगर कटे, जले या किसी भी प्रकार का स्पर्श महसूस करें, तो वे उस संवेदना को पहचान सकेंगे। इस रोबोटिक स्किन में करीब 8.6 लाख सेंसर्स लगाए गए हैं, जो किसी भी तरह के दबाव, तापमान या चोट जैसी स्थिति को पकड़ सकते हैं। वैज्ञानिकों ने इस स्किन को गर्म करने, छूने, दबाने और चाकू से काटने जैसे परीक्षणों से प्रशिक्षित किया है। इसके बाद मशीन लर्निंग के जरिए रोबोटिक हाथ को यह सिखाया कि कौन सा स्पर्श खतरे वाला है और कौन सा सामान्य। मीडिया रिपोर्ट में वैज्ञानिकों के मुताबिक यह स्किन फिलहाल इंसानी त्वचा जितनी संवेदनशील नहीं है, लेकिन यह एक बड़ा कदम है, जिससे भविष्य में रोबोट संवेदना और सुरक्षा दोनों के क्षेत्र में और उन्नत हो सकेंगे। उधर, टेक्नोलॉजी की दुनिया से एक मानवीय और भावनात्मक खबर सामने आई है। ब्रिटेन के एक व्यक्ति को गर्लफ्रेंड और बच्चे होने के बावजूद एक एबाई चैटबॉट से इतना लगाव हो गया कि उसने शादी का प्रस्ताव दे दिया। यह शख्स दावा कर रहा है कि उसे चैटबॉट से सच्चा प्यार है। उसकी गर्लफ्रेंड के मुताबिक वो अब भावनात्मक रूप से खुद को अकेला महसूस करने लगा है और चैटबॉट से बातें कर के खुद को ज्यादा समझा हुआ और जुड़ा हुआ महसूस करता है। यह मामला एक नई बहस को जन्म देता है। जब मशीनें संवेदनशील और संवादशील होती जा रही हैं, तो क्या इंसान उनसे भावनात्मक रूप से जुड़ सकते हैं? और इसका समाज पर क्या प्रभाव पड़ेगा? यह सवाल खड़े हो रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक विशेषज्ञ मानते हैं कि इंसानों और एआई के बीच बढ़ती यह नजदीकी भावनात्मक निर्भरता को जन्म दे सकती है। जहां एक ओर तकनीकी विकास का प्रतीक है, वहीं दूसरी ओर यह सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए खतरे की घंटी भी हो सकता है। एक तरफ मशीनों को दर्द समझ में आने लगा है, और दूसरी तरफ इंसान तकनीक के साथ भावनात्मक संबंध बना रहा है। यह युग केवल तकनीक का नहीं, बल्कि भावनाओं और मशीनों की मिलन-स्थली भी बनता जा रहा है। सिराज/ईएमएस 24 जून 2025