वाशिंगटन (ईएमएस)। कुछ लोग नकारात्मक भावनाओं पर काबू पाकर एक नई दिशा में आगे बढ़ जाते हैं, जबकि कुछ लोग निराशा में उलझकर खुद को खो बैठते हैं। यही निराशा धीरे-धीरे डिप्रेशन, चिंता और पछतावे में बदल जाती है, जो इंसान की खुशियों को छीन लेती है। मगर सच यह है कि अगर इंसान अपनी कुछ आदतों में सुधार कर ले, तो कठिन समय में भी खुश रह सकता है। सबसे पहले मुस्कुराना सीखना जरूरी है। जब भी आप खुद को हताश महसूस करें, तो एक बार आइने के सामने खड़े होकर मुस्कुराएं। यह अभ्यास भले ही अजीब लगे, लेकिन इससे आपकी मनोदशा में सकारात्मक बदलाव आता है। मुस्कुराने से शरीर में डोपामिन और सेरोटोनिन जैसे हैप्पी हार्मोन रिलीज होते हैं, जो मूड को बेहतर बनाते हैं। इसके अलावा व्यायाम को जीवन का हिस्सा बनाएं। यह केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए नहीं, बल्कि मानसिक शांति के लिए भी जरूरी है। हल्की दौड़, योग, वॉक या कोई खेल खेलने से तनाव और चिंता में काफी हद तक कमी आती है। वहीं, भरपूर नींद लेना भी मानसिक संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है। रात में मोबाइल और स्क्रीन टाइम कम करें और कम से कम 7 घंटे की नींद जरूर लें। खानपान का सीधा असर भी मन की स्थिति पर पड़ता है। पौष्टिक और संतुलित आहार जैसे ओमेगा-3 फैटी एसिड, हाई प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन से मूड बेहतर होता है। वहीं, तली-भुनी और जंक फूड नकारात्मक असर डालते हैं। अंत में, मुश्किलों से भागने की बजाय उनका सामना करना सीखें। समस्याओं से लड़ना ही आपको न सिर्फ मजबूत बनाता है, बल्कि अंदरूनी शांति और संतुष्टि भी देता है। यही जीवन की असली खुशहाली है। हर इंसान चाहता है कि उसकी जिंदगी खुशियों से भरी हो। इसी चाहत में वह दिन-रात मेहनत करता है, सपनों को पूरा करने की कोशिश करता है और कई बार कठिनाइयों का भी सामना करता है। लेकिन हमेशा ऐसा नहीं होता कि मेहनत का फल तुरंत या मनचाहा मिले। जब मनचाहा लक्ष्य नहीं मिलता या जीवन में बाधाएं आती हैं, तो निराशा और हताशा घेरने लगती है। सुदामा/ईएमएस 24 जून 2025