कोलकाता (ईएमएस)। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने कहा है कि उनके लिए कप्तान के तौर पर सबसे अधिक कठिन फैसला स्पिनर अनिल कुंबले और हरभजन सिंह में से किसी एक का चयन रहा है। गांगुली ने बताया है ये दोनो ही इतने बेहतर थे कि किसी एक को बाहर करने का फैसला मजबूरी में करना पड़ता था। साथ ही कहा कि बाहर किये जाने पर ये दोनो ही सवाल भी करते थे कि हमें किस प्रकार बाहर किया था जिसका जवाब देना कठिन होता था। गांगुली के अनसार ये दोनो ही चैंपियन थे और टीम में ऐसे खिलाड़ी होने ही चाहिए। गांगुली ने हाल ही में कहा, मैं टीम के हित में लिए गए कठिन फैसलों को खिलाड़ियों को आसानी से समझा देता था पर कुंबले और हरभजन उनके लिए परेशानी पैदा कर देते थे। उन्होंने कहा, कई बार कुंबले और हरभजन में से किसी एक को चुनना सबसे कठिन काम था। भारत में ऐसा नहीं हुआ। उपमहाद्वीप में ऐसा नहीं हुआ पर जब आप हरी पिचों पर चले गए, जहां हमें एक अतिरिक्त तेज गेंदबाज की जरूरत होती थी, तो मुझे कुंबले और हरभजन से किसी एक को ही रखना पड़ता था। उन्होंने आगे बताया, कई बार ऐसा हुआ है जब वे दोनों साथ में खेले, लेकिन, हां, वह मुश्किल हिस्सा था। आप जिसे आराम देना चाहते थे, वह बहुत खुश नहीं होता था। बिल्कुल नहीं। उनका पहला सवाल होता था, मैं क्यों नहीं खेल रहा हूं? ईमानदारी से कहूं तो, आपको ऐसे खिलाड़ियों की जरूरत होती है जो आपको बताएं, मैं क्यों नहीं खेल रहा हूं? ये वे खिलाड़ी नहीं थे, जिन्हें आप कहते कि आप नहीं खेल रहे हैं और वे पांच दिन की छुट्टी पाकर खुश हो जाएंगे। आप टीम में ऐसे खिलाड़ी चाहते थे जो आकर आपसे कहें और पूछें कि मैं क्यों नहीं खेल रहा हूं? ये परिस्थितियां मेरे अनुकूल हैं, चाहे वे अनुकूल हों या नहीं हों। इस पूर्व कप्तान ने कहा, यही उनका मानना है कि वे भारत के लिए मैच जीतेंगे, उन हालातों में भारत के लिए मैच जीतेंगे। अनिल और हरभजन दोनों ही थे। हां। इतनी क्षमता, इतना आत्मसम्मान, प्रदर्शन पर इतना गर्व है, लेकिन मैं खुश था, क्योंकि दिन के अंत में, मेरे पास दो खिलाड़ी थे जो पूरी तरह चैंपियन थे। गांगुली की गिनती ऐेसे कप्तान के तौर पर होत है जिन्होंने टीम को आक्रामक बनाया और जीत की आदत डाली। उन्होंने कई युवा खिलाड़ियों को भी अवसर दिये। गिरजा/ईएमएस 24जून 2025