मुम्बई (ईएमएस)। कपिल देव की कप्तानी में भारतीय क्रिकेट टीम ने आज ही के दिन 42 साल पहले 1983 में पहली बार एकदिवसीय क्रिकेट विश्वकप जीतकर इतिहास रचा था। 25 जून 1932 को अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाली भारतीय टीम ने ठीक 51वां साल बाद विश्व चैंपियन वेस्टइंडीज को हराकर 1983 का विश्व कप जीता था। ये इसलिए भी अहम था क्योंकि तब भारतीय टीम 1983 में वैश्विक स्तर पर कमजोर टीमों में गिनी जाती थी। विश्व कप में कपिल की कप्तानी में भारतीय टीम एक अंडरडॉग की तरह गई थी। किसी को भी उम्मीद नहीं थी कि भारतीय टीम विजेता बनकर उभरेगी। स्वयं भारतीय टीम को भी नहीं। लेकिन, जिससे अपेक्षा कम होती है, वही इतिहास रचता है। 1983 एकदिवसीय विश्व कप में 60 ओवरों का खेला गया था। फाइनल में भारत और वेस्टइंडीज का मुकाबला था। वेस्टइंडीज पिछले दो विश्व कप जीत चुकी थी, इसलिए भारत के लिए मैच कहीं से भी आसान नहीं था। वेस्टइंडीज ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी चुनी थी। पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम 54.4 ओवर में 183 रन पर आउट हो गई। सलामी बल्लेबाज के. श्रीकांत ने सबसे ज्यादा 38 रन बनाए थे। संदीप पाटिल ने 27 और मोहिंदर अमरनाथ ने 26 रन बनाए थे। वेस्टइंडीज के लिए एंडी रॉबर्ट्स ने तीन, मैल्कम मार्शल, माइकल होल्डिंग और लैरी गोम्स ने 2-2 विकेट लिए। जोएल गार्नर को एक विकेट मिला था।184 रन का लक्ष्य वेस्टइंडीज के लिए मुश्किल नहीं था पर भारतीय गेंदबाज उस दिन इतिहास रचने के इरादे से उतरे थे। भारतीय टीम ने वेस्टइंउीज को 140 रनों पर समेट कर जीत दर्ज की। गिरजा/ईएमएस 24जून 2025