नई दिल्ली (ईएमएस)। योग के विभिन्न आसनों में सर्वांगासन को बेहद फायदेमंद माना गया है। इसे आम भाषा में शोल्डर स्टैंड कहा जाता है, क्योंकि इसमें पूरा शरीर कंधों पर संतुलित रहता है। आयुष मंत्रालय के अनुसार, यह आसन शरीर की थायरॉयड और पैराथायरायड ग्रंथियों को सक्रिय करता है। जब इस आसन को किया जाता है, तो सिर नीचे और पैर ऊपर होते हैं, जिससे गर्दन के आसपास रक्त प्रवाह तेज होता है। इसका असर थायरॉयड ग्रंथि पर सकारात्मक पड़ता है, जिससे हार्मोन संतुलन बेहतर होता है और मेटाबोलिज्म सुधरता है। साथ ही, पैराथायरायड ग्रंथि को उत्तेजना मिलने से हड्डियों में कैल्शियम का स्तर नियंत्रित रहता है। यह आसन बाहों और कंधों की ताकत बढ़ाने में भी मदद करता है, क्योंकि शरीर का पूरा भार इन्हीं पर टिका होता है। इससे मांसपेशियां मजबूत होती हैं और रीढ़ की हड्डी में लचीलापन आता है। रीढ़ सीधी रहने से पीठ दर्द में राहत मिलती है और शरीर स्थिरता की ओर बढ़ता है। सर्वांगासन मस्तिष्क के लिए भी अत्यंत लाभकारी है। सिर नीचे होने से खून का प्रवाह दिमाग की ओर बढ़ता है, जिससे ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति बेहतर होती है। इससे मानसिक थकान दूर होती है, तनाव कम होता है और एकाग्रता बढ़ती है। नियमित अभ्यास से याददाश्त भी तेज होती है और मन शांत रहता है। इस योग मुद्रा से हृदय को भी फायदा होता है। जब शरीर उल्टी दिशा में होता है, तो रक्त प्रवाह दिल और फेफड़ों की तरफ आसानी से होता है। इससे दिल को पर्याप्त पोषण और ऑक्सीजन मिलती है, जिससे उसकी कार्यक्षमता बेहतर होती है और ब्लड प्रेशर संतुलित रहता है। इसके अलावा, यह आसन पाचन तंत्र को भी मजबूत बनाता है। पेट पर हल्का दबाव पड़ने से कब्ज, गैस और अपच जैसी समस्याओं में राहत मिलती है। इसे करने के लिए पीठ के बल लेटकर धीरे-धीरे पैरों को ऊपर उठाना होता है और हाथों से पीठ को सहारा देना होता है। यह आसन संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए बेहद उपयोगी माना जाता है। अगर आप अपनी सेहत को प्राकृतिक तरीके से बेहतर बनाना चाहते हैं, तो योग एक असरदार उपाय हो सकता है। यह न सिर्फ मानसिक शांति देता है, बल्कि पूरे शरीर को स्वस्थ और संतुलित बनाए रखने में मदद करता है। सुदामा/ईएमएस 25 जून 2025