नई दिल्ली (ईएमएस)। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की माने तो गर्मियों के मौसम में शुगर लेवल असामान्य रूप से घट या बढ़ सकता है, जिससे मरीजों की सेहत पर गंभीर असर पड़ सकता है। शरीर का मेटाबॉलिज्म तेज गर्मी में बदल जाता है और यही परिवर्तन इंसुलिन की कार्यप्रणाली को प्रभावित करता है। भीषण गर्मी सिर्फ असहजता ही नहीं, बल्कि डायबिटीज के मरीजों के लिए बड़ा खतरा भी बन जाती है। जब शरीर से अत्यधिक पसीना निकलता है, तो इलेक्ट्रोलाइट्स और पानी की कमी होने लगती है। यह डिहाइड्रेशन की स्थिति पैदा करता है, जो शुगर लेवल को असंतुलित कर देता है। डिहाइड्रेशन से शरीर में मौजूद ग्लूकोज डायल्यूट नहीं हो पाता, जिससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। यही नहीं, गर्मी में प्यास कम लगना या पानी कम पीना भी समस्या को और गंभीर बना सकता है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि डायबिटीज के मरीजों को गर्मियों में पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे और शुगर स्तर स्थिर बना रहे। इसके अलावा, इंसुलिन की गुणवत्ता भी गर्मी से प्रभावित हो सकती है। अगर इसे सही तापमान पर स्टोर नहीं किया गया, तो इसकी एफिकेसी घट जाती है। 25 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान में इंसुलिन की ताकत कमजोर हो सकती है, जिससे सही डोज लेने के बावजूद शुगर लेवल नियंत्रित नहीं होता। गर्मियों में फिजिकल एक्टिविटी में भी गिरावट देखने को मिलती है। लोग तेज धूप और लू से बचने के लिए घर में रहते हैं, जिससे वॉक या व्यायाम की आदत टूट जाती है। यह भी ब्लड शुगर को बढ़ाने का एक बड़ा कारण बनता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि सुबह या शाम के समय हल्की-फुल्की एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए, ताकि शरीर सक्रिय बना रहे और शुगर बैलेंस में रहे। इसके अलावा कई लोग गर्मी में ठंडी चीजें जैसे कोल्ड ड्रिंक्स, आइसक्रीम या शरबत का सेवन कर लेते हैं, जो शुगर लेवल को तेजी से बढ़ा सकती हैं। भूख कम लगने के कारण कुछ लोग खाना स्किप कर देते हैं, जिससे शुगर लेवल अचानक नीचे गिर सकता है। यह स्थिति हाइपोग्लाइसीमिया कहलाती है और जानलेवा भी हो सकती है। इसलिए डायबिटीज के मरीजों को संतुलित आहार समय पर लेना जरूरी है। इसी के साथ ब्लड शुगर की जांच के लिए इस्तेमाल होने वाले मीटर और दवाइयों को भी सही तापमान पर रखना जरूरी है, वरना इनकी रीडिंग और प्रभावशीलता पर असर पड़ सकता है। अगर आप गर्मी में अपनी डायबिटीज को नियंत्रण में रखना चाहते हैं, तो सबसे जरूरी है कि शरीर को हाइड्रेटेड रखें, संतुलित आहार लें, हल्की फिजिकल एक्टिविटी करें और दवाओं को सही तरीके से स्टोर करें। सुदामा/ईएमएस 26 जून 2025