कुल 1576 पुराने और निरर्थक कानूनों को निरस्त किया नई दिल्ली (ईएमएस)। हाल ही में मोदी सरकार ने केंद्र में अपने 11 साल पूरे किए है। इस दौरान सबसे बड़ी पंचायत संसद भी तमाम बदलावों को होकर गुजरी। मोदी सरकार का आगामी रोडमैप क्या है, इस पर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बातचीत की। केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने कहा कि मोदी सरकार में कई महत्वपूर्ण संसदीय निर्णय हुए हैं। उदाहरण के लिए रेल और आम बजट को मिलाने और आम बजट को हर साल 1 फरवरी को पेश करने का ऐतिहासिक फैसला हुआ। इसी तरह, जम्मू-कश्मीर में समाज के सभी वर्गों के लिए समान मौके सुनिश्चित करने के लिए अनुच्छेद 370 और उसके तहत राष्ट्रपति के आदेशों के कुछ प्रावधानों को निरस्त किया गया। वहीं पीएम मोदी के भविष्यवादी दृष्टिकोण के चलते देश को सितंबर 2023 में नई संसद मिली, जब संविधान सभा से शुरू हुई 75 वर्षों की संसदीय यात्रा पर एक विशेष सत्र का आयोजन हुआ, जिसमें राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर नीति निर्माण में जन प्रतिनिधियों के रूप में महिलाओं की अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए संसद में नारी शक्ति वंदन अधिनियम, 2023 पारित किया गया। मोदी सरकार ने अपने 11 साल के स्वर्णिम कार्यकाल में अब तक 421 बिल पास किए। वहीं अब तक कुल 1576 पुराने और निरर्थक कानूनों को निरस्त किया। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के दौरान भारतीय संसद के लचीलेपन की परीक्षा हुई। तब अनुच्छेद 85 की संवैधानिक अपेक्षाओं को और अत्यावश्यक विधायी कामों को पूरा करने के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और गृह मंत्रालय के सभी दिशा-निर्देशों का पालन कर तीन सत्रों का आयोजन हुआ। उस मुश्किल दौर में दूरी से जुड़े प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए लोकसभा और राज्यसभा के सत्र का आयोजन अलग-अलग में समय में सभी सुरक्षा मानदंडों के साथ हुआ। उन्होंने कहा कि संसदीय कार्य मंत्रालय युवा पीढ़ी में लोकतांत्रिक संस्कार विकसित करने के उद्देश्य से दिल्ली के स्कूलों, केंद्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों, यूनिवर्सिटी कॉलेजों के छात्रों के लिए पारंपरिक रूप से युवा संसद प्रतियोगिताएं आयोजित करता है और राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को वित्तीय सहायता भी देता है। मोदी सरकार ने 2019 में संविधान सदन के सेंट्रल हॉल में भारत के राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय युवा संसद योजना के तहत डिजिटल प्लैटफॉर्म की शुरुआत की गई। आशीष दुबे / 28 जून 2025