राष्ट्रीय
28-Jun-2025
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-समाजवादी व धर्मनिरपेक्ष शब्दों को हटाने की बहस में कूदे केंद्रीय मंत्री शिवराज नई दिल्ली,(ईएमएस)। आरएसएस महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने संविधान की प्रस्तावना से “समाजवादी” और “धर्मनिरपेक्ष” शब्दों को हटाने पर बहस का आह्वान किया है। उन्होंने आपातकाल (1975-1977) के दौरान इन शब्दों को जोड़े जाने को बीआर अंबेडकर के मूल मसौदे से विचलन बताया था। इसके बाद केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी इस बहस में कूद गए हैं। शिवराज ने कहा कि भारत में समाजवाद की कोई जरुरत नहीं है, साथ ही उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्षता हमारी संस्कृति का मूल नहीं है। आपातकाल के दिनों को याद करते हुए शिवराज सिंह ने कहा उस समय मेरी उम्र सिर्फ 16 साल थी और मुझे भी डिफेंस ऑफ इंडिया रूल्स के तहत गिरफ्तार कर जेल ले जाया गया था। आज भी उन काले दिनों को याद करके रोंगटे खड़े हो जाते हैं। आपातकाल के दौरान तुर्कमान गेट पर मकान तोड़ने का उन्माद होता था तो जनता को बुलडोजर से कुचल दिया जाता था। अगर कोई विरोध करता था तो उसे गोलियों से छलनी कर दिया जाता था। यह जनता पर गोलियां नहीं, बल्कि संविधान की हत्या थी। उन्होंने कहा कि कोई अपील नहीं, कोई वकील नहीं, कोई दलील नहीं, यह संविधान की हत्या थी, सभी नागरिक अधिकार निलंबित कर दिए गए थे। उन्होंने कहा, प्रेस की स्वतंत्रता पर ताला लगाना संविधान की हत्या है, न्यायालय के अधिकारों को कम करना, उसे अप्रभावी बनाना यह संविधान की हत्या है। पूरे देश को जेल बना देना - यह संविधान की हत्या है। सभी विपक्षी दलों और यहां तक कि छात्रों को भी जेलों में डाल दिया गया। कांग्रेस संविधान की हत्यारी है। कांग्रेस पर हमला करते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, कांग्रेस को संविधान की प्रति रखने का अधिकार नहीं है। वे काले दिन आज भी याद किए जाते हैं। कांग्रेस ने जो किया, उसके लिए मैं फिर से दोहरा रहा हूं कि उन्हें अपनी नाक रगड़नी चाहिए और देश से माफी मांगनी चाहिए कि उन्होंने यह ऐतिहासिक गलती की है। उन्होंने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोकतंत्र में दृढ़ विश्वास रखते हैं और इसीलिए स्वतंत्र भारत में संविधान दिवस मनाने का काम हो रहा है। वहीं समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता राजेंद्र चौधरी ने संविधान की प्रस्तावना से समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष शब्दों को हटाने के सुझाव के लिए बीजेपी और आरएसएस की आलोचना की। चौधरी ने कहा कि ये बयान केवल यह साबित करते हैं कि संघ-बीजेपी लोकतंत्र में विश्वास नहीं करते और संविधान को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं। कांग्रेस की यूपी पइकाई के प्रमुख अजय राय ने कहा कि इस तरह के बयान वास्तव में उस बात की पुष्टि करते हैं जो हम लंबे समय से कहते आ रहे हैं कि आरएसएस-बीजेपी का संविधान में कोई विश्वास नहीं है। यह देश सभी का है। कांग्रेस हर कीमत पर संविधान की रक्षा करेगी। सिराज/ईएमएस 28जून25